- छोटी सी मदद, लेकिन संवेदनशील प्रशासनिक सोच का बड़ा उदाहरण
देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक छोटी सी घटना ने प्रशासनिक संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की मिसाल कायम की है। जिले की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने नेत्रहीन पलटू प्रसाद और उनके दिव्यांग पुत्र की मदद करते हुए उन्हें सरकारी वाहन से अस्पताल भिजवाया ताकि उनका दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवाया जा सके।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें डीएम दिव्या मित्तल खुद पलटू प्रसाद और उनके बेटे से संवाद करते हुए नजर आ रही हैं। उन्होंने मौके पर ही निर्देश देते हुए अपनी गाड़ी से दोनों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था कराई।
यह मामला भले ही एक दिव्यांग प्रमाणपत्र से जुड़ा था, लेकिन डीएम मित्तल का मानवीय दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि यदि अफसर संवेदनशील हों तो व्यवस्था कैसे आमजन के लिए सुलभ और सहयोगी बन सकती है। पलटू प्रसाद और उनके बेटे ने भी डीएम का आभार जताया और कहा कि अब उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
वीडियो सामने आने के बाद आम जनता और सोशल मीडिया यूजर्स ने डीएम दिव्या मित्तल के इस कार्य की जमकर प्रशंसा की। कई यूजर्स ने इसे “असल सेवा”, “प्रशासन की सही तस्वीर” और “नेतृत्व की मिसाल” बताय।
जहां आमतौर पर जनता को प्रमाणपत्र, सहायता या सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए संघर्ष करना पड़ता है, वहीं देवरिया की डीएम दिव्या मित्तल ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि अफसर संवेदनशील हों, तो हर नागरिक तक मदद पहुंच सकती है — और यह संवेदनशीलता ही अच्छे प्रशासन की असली पहचान है।


