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Monday, July 7, 2025

गंगा नदी में बढ़ता जलस्तर और जानलेवा स्टंटबाज़ी: प्रशासन की चुप्पी खतरनाक संकेत

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  • पांचाल घाट पुल से छलांग लगाते नाबालिग, वायरल हो रहे वीडियो; बड़ा हादसा टालने को कोई तैयारी नहीं

फर्रुखाबाद। गंगा नदी में बढ़ते जलस्तर के बीच एक और खतरनाक प्रवृत्ति ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है। पांचाल घाट पुल पर कुछ नाबालिग बच्चों द्वारा जान जोखिम में डालकर गंगा नदी में छलांग लगाने के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। यह स्टंटबाज़ी न केवल गैरकानूनी है, बल्कि जानलेवा भी है। बावजूद इसके, प्रशासन और पुलिस अब तक मूकदर्शक बनी हुई है।

स्थानीय निवासियों के अनुसार, इन नाबालिगों का मकसद सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल करना और व्यूज़ के माध्यम से पैसा कमाना है। वायरल वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि किस तरह ये किशोर पुल की रेलिंग पर चढ़ते हैं और बिना किसी सुरक्षा उपाय के सीधे नदी में छलांग लगा देते हैं। यह सब गंगा जैसी उफनती नदी में किया जा रहा है, जिसका जलस्तर इन दिनों लगातार बढ़ रहा है।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि जहां ये स्टंट हो रहे हैं, वहीं पांचाल घाट पुल पर पुलिस की ड्यूटी भी लगी रहती है। इसके बावजूद इन घटनाओं को न तो रोका जा रहा है और न ही इन पर कोई कार्रवाई की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता से प्रतीत होता है जैसे वे किसी अनहोनी का इंतजार कर रहे हों।

इस घटनाक्रम से गंगा किनारे रहने वाले लोग और सामाजिक संगठनों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि प्रशासन अगर अभी नहीं चेता तो किसी भी दिन कोई मासूम अपनी जान गंवा सकता है, जिसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर प्रशासन और पुलिस की होगी।

प्रशासन से की गई अहम मांगें:

गंगा घाटों और पुलों पर पुलिस की गश्त और निगरानी बढ़ाई जाए।
पांचाल घाट पुल पर अवरोधक लगाए जाएं ताकि कोई भी रेलिंग पार न कर सके।

वायरल हो रहे स्टंट वीडियो की पहचान कर संबंधित बच्चों और उनके परिजनों को काउंसलिंग दी जाए।
स्कूलों और समुदाय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर बच्चों को खतरों से अवगत कराया जाए।

नदी की लहरों से खेलना बहादुरी नहीं, बेवकूफी है

यह समझना ज़रूरी है कि गंगा नदी की लहरों से खेलना किसी बहादुरी का प्रमाण नहीं, बल्कि नासमझी और लापरवाही है। प्रशासन को चाहिए कि समय रहते कार्रवाई कर इन मासूम जानों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, ताकि गंगा का किनारा जीवन देने वाला बना रहे, जान लेने वाला नहीं।

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