छिबरामऊ श्रृंगीरामपुर मार्ग बना दलदल
फर्रुखाबाद। सावन माह की शुरुआत जैसे जैसे नजदीक आ रही है, पूरे देश में शिव भक्तों की आस्था चरम पर है। हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों कांवरिया श्रृंगीरामपुर पहुंचकर मां गंगा के पावन तट से जल भरकर विभिन्न जिलों व प्रदेशों में भगवान शिव को अर्पित करने निकलेंगे। लेकिन इस आस्था के मार्ग पर एक बड़ी समस्या कांवरियों का इंतज़ार कर रही है और वह है श्रृंगीरामपुर छिबरामऊ मार्ग की बदहाल स्थिति।
यह मार्ग वह मुख्य रास्ता है जिससे सबसे अधिक कांवरिये गंगा जल लेकर गुज़रते हैं। लेकिन वर्तमान स्थिति में यह मार्ग पूरी तरह जर्जर है। जगह जगह गहरे गड्ढे हैं, और हाल की बारिश ने हालात को और बदतर बना दिया है। प्रशासन द्वारा गड्ढों को भरने के लिए मिट्टी डाली गई थी, लेकिन तेज बारिश ने उसे कीचड़ में बदल दिया, जिससे पूरा रास्ता अब दलदल बन चुका है।
राज्य सरकार भले ही दावा करती है कि “उत्तर प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त हैं”, लेकिन श्रृंगीरामपुर कांवर मार्ग इस दावे की असलियत उजागर कर रहा है। हर साल कांवर यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद सक्रिय रहते हैं, कांवरियों पर पुष्पवर्षा होती है, उनके लिए पानी, बिजली, चिकित्सा की विशेष व्यवस्था की जाती है, लेकिन इस बार का यह मुख्य मार्ग उनकी तैयारी को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है।
स्थानीय श्रद्धालु और व्यवस्थाओं से जुड़े लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही इस मार्ग की मरम्मत नहीं कराई गई तो यह न केवल कांवरियों के लिए कठिनाई का सबब बनेगा, बल्कि यात्रा की गति और सुरक्षा दोनों को प्रभावित करेगा। दलदली सड़क पर नंगे पैर चलना कांवरियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अब देखना यह है कि शासन प्रशासन जागरूक होकर इस जर्जर मार्ग की मरम्मत करता है या फिर शिव भक्तों को इस सावन में भी कीचड़ से होकर गुजरना होगा।