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Sunday, August 24, 2025

अहले बैत से मोहब्बत ही इंसान को गुमराही से बचाती है: नायब सज्जादा नशीन

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फर्रुखाबाद: मोहर्रम (moharram) माह की चांद की सात तारीख को फतेहगढ़ (Fatehgarh) स्थित ऐतिहासिक दरगाह हज़रत मखदूम शाह सैय्यद शाहबुद्दीन औलिया रह.अलैह के आस्ताने पर नौचंदी जुमेरात के अवसर पर फातिहा ख्वानी और चादरपोशी का आयोजन अकीदत के साथ संपन्न हुआ। दरगाह शरीफ में फज्र की नमाज़ के बाद से ही चादरपोशी और फातिहा का दौर शुरू हो गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने फूल और चादर चढ़ाकर अपने-अपने तरीके से आस्था प्रकट की और दुआ मांगी।

नायब सज्जादा नशीन शाह मुहम्मद वसीम चिश्ती साबरी मुजद्दिदी की सरपरस्ती में आयोजित इस कार्यक्रम में अल्लामा मौलाना मुहम्मद शोएब आतिर मदारी और जामिया चिश्तिया के तुलबा ने कुरआन पाक की तिलावत की।

नायब सज्जादा नशीन ने अपनी तकरीर में कहा,

 

“अहले बैत से मोहब्बत तमाम गुमराही से बचाती है। खानकाहें हमेशा आपसी भाईचारे और मोहब्बत का पैगाम देती हैं। हमें इन सूफियों के संदेश को घर-घर पहुंचाना चाहिए।”

 

इस मौके पर हाफिज़ फरहान ने पढ़ा – “शेरे खुदा के शेर का तेवर नहीं झुका, यानी कहीं से नामे बहत्तर नहीं झुका” वहीं मुहम्मद अयान ने पढ़ा – “अल्लाह की रज़ा मोहब्बत हुसैन की, लिखता हूँ ख़ूने दिल शहादत हुसैन की”

इस मौके पर देश की तरक्की, अमन-ओ-अमान और आपसी भाईचारे के लिए विशेष दुआएं भी की गईं।
कार्यक्रम में इसरार साबरी, अंसार साबरी, रफत हुसैन, मुहम्मद हनीफ उर्फ बबलू, मिन्हाज उर्फ लवली भाई, मुहम्मद फहीम, आक़िब, अज़हर हुसैन, मुबीन साबरी, अमीर आसिफ साबरी, शिवम, राहुल सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए।

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