अमृतपुर। गंगा नदी के किनारे बसे गांवों और कस्बों के लिए शुक्रवार को एक राहत भरी खबर सामने आई है। बीते 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 35 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है, जिससे नदी का स्तर 136.60 मीटर से घटकर 136.25 मीटर पर आ गया है। जलस्तर में आई इस गिरावट के चलते प्रशासन और बाढ़ चौकियों को कुछ हद तक राहत मिली है, हालांकि निगरानी और सतर्कता पहले की तरह बरकरार है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, नरौरा बैराज से 38,740 क्यूसेक पानी शुक्रवार को छोड़ा गया है, जो सामान्य प्रवाह से कुछ अधिक माना जा रहा है। नरौरा से छोड़े गए पानी का असर अमृतपुर सहित गंगा किनारे के अन्य क्षेत्रों पर अगले 24 से 48 घंटे में दिखाई दे सकता है, जिसके चलते संबंधित इलाकों में अलर्ट स्तर पर निगरानी की जा रही है।इसी तरह, रामगंगा नदी का जलस्तर अभी बिलोगेज स्तर पर बना हुआ है, यानी खतरे की सीमा से नीचे है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश नहीं होती तो जलस्तर में और गिरावट आ सकती है।इसके अलावा, खो हरेली स्थित रामनगर बैराज से भी 1,650 क्यूसेक पानी शुक्रवार को छोड़ा गया है। यह मात्रा नियंत्रण में मानी जा रही है, लेकिन जल विभाग और प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। खासकर तटवर्ती गांवों जैसे बांसगांव, नगला रौशन, जहानगंज, सिरसागंज आदि में चेतावनी जारी रखी गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
ग्रामवासियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में गंगा के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जिससे खेती और पशुपालन पर असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि समय रहते राहत और बचाव के आवश्यक संसाधन तैयार रखें, ताकि अचानक आने वाली बाढ़ जैसी स्थिति में लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
अधिकारियों के मुताबिक, बाढ़ चौकियों को सक्रिय मोड में रखा गया है और नावों, रस्सियों, टॉर्च और अन्य आपात उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग को भी अलर्ट किया गया है ताकि किसी भी परिस्थिति में राहत कैंप स्थापित किए जा सकें।