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Thursday, July 3, 2025

विद्यालय नहीं, मधुशाला चाहिए? योगी सरकार के खिलाफ आम आदमी पार्टी का ज़ोरदार प्रदर्शन

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फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के निर्णय के विरोध में आज आम आदमी पार्टी ने फतेहगढ़ स्थित जिला कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व जिला अध्यक्ष इंजीनियर नीरज प्रताप शाक्य ने किया। बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और आम नागरिक इस विरोध में शामिल हुए।

प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने “मधुशाला नहीं, विद्यालय चाहिए”, “शिक्षा विरोधी सरकार नहीं चलेगी” जैसे गगनभेदी नारे लगाए। आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार के 16 जून 2025 को जारी उस शासनादेश को तुरंत वापस लेने की मांग की, जिसके तहत 27,000 परिषदीय विद्यालयों को बंद करने की योजना है जिलाध्यक्ष नीरज प्रताप शाक्य ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एक ओर योगी सरकार रिकॉर्ड संख्या में मदिरालय खोल रही है—सिर्फ 2024 में 27,308 शराब की दुकानें खोली गईं—वहीं दूसरी ओर प्राथमिक विद्यालयों को बंद किया जा रहा है। अब तक 26,000 से अधिक स्कूल बंद हो चुके हैं और अब 27,000 और स्कूल बंद करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि प्रदेश को पाठशाला चाहिए या मधुशाला?

उन्होंने बताया कि शासनादेश में कहीं भी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कितने छात्रों वाले विद्यालय बंद किए जाएंगे। कहीं 10 से 20, तो कहीं 20 से 50 छात्रों वाले स्कूल बंद किए जा रहे हैं, यहां तक कि 50 से अधिक छात्रों वाले विद्यालय भी सूची में हैं। यह पूरी प्रक्रिया शिक्षा के अधिकार अधिनियम और बाल अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है, जिनमें एक किलोमीटर की दूरी पर विद्यालय होने की अनिवार्यता है।

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार सरकारी स्कूलों को बंद कर निजी स्कूलों को बढ़ावा दे रही है, जिनमें से कई बिना मान्यता के चल रहे हैं। इसके साथ ही लाखों टीईटी पास बेरोजगार युवा, जो शिक्षक बनने की उम्मीद में हैं, निराशा और अवसाद में जा रहे हैं।शाक्य ने कहा कि यदि आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को मॉडल बना सकती है, तो उत्तर प्रदेश सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती? उन्होंने सरकार से मांग की कि 16 जून का आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए, अन्यथा आम आदमी पार्टी प्रदेश भर में जन आंदोलन छेड़ेगी।धरने में अधिवक्ता प्रकोष्ठ, महिला विंग, आईटी सेल, युवा प्रकोष्ठ सहित कई संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रमुख रूप से अधिवक्ता जितेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, कंचन यादव, अंकुर सिंह चौहान, हरिओम राजपूत, सचिन यादव, प्रेम प्रकाश सक्सेना, विकास राठौड़, अंजलि शाक्य, कल्पना राजपूत, साहब सिंह, के. पी. सिंह, राघवेंद्र सिंह यादव, कौशलेंद्र सिंह, रुद्र प्रताप शाक्य, जगतपाल सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया कि शिक्षा का अधिकार संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार है, और इसे खत्म करने का प्रयास किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पार्टी ने दो टूक कहा कि यदि सरकार पीछे नहीं हटी, तो यह आंदोलन सड़क से संसद तक जाएगा।

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