लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विचार आज सिर्फ एक दल की पहचान नहीं, बल्कि एक विचारधारा, एक आंदोलन और एक नई पीढ़ी के सपनों की आवाज बन चुके हैं। उन्हीं समाजवादी सिद्धांतों और अखिलेश यादव की राजनीति से प्रेरणा लेते हुए जिले के एक समर्पित समाजवादी कार्यकर्ता ने अपने जन्मदिवस पर एक नई मिसाल पेश की है।
उक्त कार्यकर्ता ने अपने सभी शुभचिंतकों से अपील की है कि वे इस वर्ष कोई पुष्पगुच्छ, प्रतिमा, चित्र या पार्टी प्रतीक चिह्न भेंट न करें। इसके स्थान पर उन्होंने आग्रह किया है कि सभी समाजवादी साथी नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की स्मृति में निर्माणाधीन ‘समाजवादी स्मारक’ हेतु ‘आस्था अंशदान’ के रूप में पार्टी कार्यालय में अपना सहयोग राशि जमा करें।
अपनी अपील में उन्होंने कहा कि:
“हमारे नेता मुलायम सिंह यादव जी ने राजनीति में सादगी, विकास और विचार की जो पहचान बनाई है, वह आज के युग में अनुकरणीय है। नेताजी की स्मृति और उनके विजन को具 स्थायी स्वरूप देने के लिए यह स्मारक एक युगद्रष्टा पहल है।”
उन्होंने बताया कि हर सहयोगकर्ता का नाम ‘समाजवादी स्मारक सहयोग पुस्तिका’ में दर्ज किया जाएगा, ताकि समाज के प्रति उनके समर्पण को चिरस्थायी रूप से संजोया जा सके।
नेता की इस पहल को लेकर जिले भर के समाजवादी कार्यकर्ताओं में उत्साह है। युवा कार्यकर्ता इसे “अखिलेश यादव के सिद्धांतों की जीवंत अभिव्यक्ति” मानते हैं। वरिष्ठ समाजवादी नेता भी इस पहल को समर्थन देते हुए इसे पार्टी के सांस्कृतिक और वैचारिक मूल्यों के अनुरूप बताया।
यह अपील इस बात का प्रमाण है कि अखिलेश यादव द्वारा शुरू की गई नए समाजवाद की यात्रा अब विचार से आचरण तक फैल चुकी है। जहां राजनीति में चमक-दमक और दिखावे का दौर चरम पर है, वहीं अखिलेश यादव जैसे नेताओं की प्रेरणा से विचार और मूल्य आधारित राजनीति को नई दिशा मिल रही है।
यह केवल अपील नहीं, समाजवादी आत्मा का पुनर्जागरण है। यह केवल जन्मदिन नहीं, समाज के प्रति कर्तव्य का स्मरण है।