—पुलिस ने रोका मामला
मुजफ्फरनगर | जिले में कांवड़ यात्रा से पहले माहौल तनावपूर्ण होता नजर आया, जब कुछ हिन्दू संगठन कार्यकर्ता स्थानीय ‘पंडित जी वैष्णो ढाबे’ पर पहुंचे और वहां काम कर रहे कर्मचारियों से आधार कार्ड दिखाने की मांग करने लगे।
जब पहचान पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया तो संगठन के लोगों ने बारकोड स्कैन किया, जिससे ढाबे के मालिक का नाम ‘Jabir Rathour’ सामने आया और उसके मुस्लिम होने का दावा किया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मामला यहीं नहीं रुका। हिन्दू संगठन कार्यकर्ताओं ने कर्मचारियों को एक कमरे में ले जाकर उनसे जबरन पेंट उतरवाने की कोशिश की, यह कहकर कि वे धार्मिक पहचान की पुष्टि करना चाहते हैं। स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन इसी बीच पुलिस मौके पर पहुंच गई और हालात को नियंत्रण में लिया।
इस घटनाक्रम के पीछे कथित तौर पर हिन्दू संगठन से जुड़े यशवीर महाराज का नाम सामने आ रहा है, जिन्होंने कांवड़ यात्रा से पहले दुकानों के मालिकों और कर्मचारियों की पहचान जांचने के लिए 500 लोगों की एक टीम बनाई है।
उनका कहना है कि—
“कांवड़ यात्रा के पवित्र मार्ग पर केवल वे ही लोग मौजूद रहें जो सनातन संस्कृति का सम्मान करें।”
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस फोर्स ने तत्काल हस्तक्षेप कर घटना को रोका।
पुलिस का कहना है कि:
“घटना की जांच की जा रही है। किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। धार्मिक आधार पर पहचान की जबरदस्ती स्वीकार नहीं की जाएगी।”
घटना के बाद मुजफ्फरनगर प्रशासन और खुफिया एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है, क्योंकि कांवड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता है।