– नगर विधायक के इंतजार में बैठी रही भीड़, समाधान न मिलने पर डीएम कार्यालय पहुंचे ठेली चालक
फर्रुखाबाद: रोडवेज बस अड्डे (Roadways Bus Stand) के आसपास अतिक्रमण हटाने (removal of encroachment) के नाम पर चल रही कार्यवाही को लेकर शुक्रवार को शहर में जमकर बवाल हुआ। दर्जनों ठेली चालकों (cart drivers) ने पुलिस पर मनमानी और भेदभाव के आरोप लगाए। उनका कहना था कि कुछ ठेली चालकों से नजराना लेकर उन्हें दुकान लगाने दी जाती है, जबकि बाकी गरीबों की ठेलियां जबरन हटवा दी जाती हैं।
सुबह से ही ठेली चालक नगर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी के इंतजार में रोडवेज बस स्टैंड के बाहर जमा रहे। जब विधायक मौके पर नहीं पहुंचे तो सभी ठेली चालक एकजुट होकर जिला मुख्यालय फतेहगढ़ पहुंच गए, जहां उन्होंने अधिकारियों से मिलकर अपनी बात रखी। ठेली चालकों का आरोप है कि पुलिस अतिक्रमण के नाम पर सिर्फ गरीब और कमजोर ठेली वालों को निशाना बना रही है। जिनसे नजराना वसूला जाता है, उन्हें दुकान लगाने दी जाती है।
पुलिस की कार्रवाई में पारदर्शिता और समानता नहीं है। प्रदर्शन कर रहे एक ठेली चालक ने कहा, “हम रोज कमाकर अपने बच्चों का पेट पालते हैं। अगर प्रशासन हमें दुकान नहीं लगाने देगा तो हम खाएंगे क्या? पुलिस वाले नजराना लेने वालों को छोड़ देते हैं और बाकी को डरा-धमका कर भगा देते हैं। यह सरासर अन्याय है।”
बताया जा रहा है कि पिछले हफ्ते भी अतिक्रमण के नाम पर ठेलियां हटाई गई थीं। ठेली चालकों ने तब भी अधिकारियों से मिलकर समाधान की मांग की थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके बाद ठेली चालकों ने नगर विधायक से मदद की गुहार लगाई थी। विधायक ने आश्वासन तो दिया था, लेकिन शुक्रवार को वह शहर में मौजूद नहीं थे।
मुख्यालय पहुंचे ठेली चालकों ने डीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा और मांग की कि— अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। सभी ठेली चालकों के लिए तय स्थान निर्धारित किए जाएं। पुलिस द्वारा की जा रही मनमानी और कथित वसूली की जांच हो। इस पूरे घटनाक्रम से स्थानीय पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। अधिकारी फिलहाल जांच की बात कर रहे हैं, लेकिन जब तक जमीनी स्तर पर बदलाव नहीं होता, तब तक ऐसे प्रदर्शन और टकराव होते रहेंगे।
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार अब देखना यह है कि नगर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी इस पूरे मामले में कब और कैसे हस्तक्षेप करते हैं और क्या प्रशासन पुलिस की कार्यशैली की जांच करवाता है या नहीं।