आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र को तेज़ रफ्तार विकास से जोड़ने वाला गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता को समर्पित किया। 91.352 किलोमीटर लंबे और चार लेन चौड़े इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन आजमगढ़ जिले में एक भव्य कार्यक्रम के दौरान किया गया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के कई मंत्री और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि यह एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं, बल्कि पूर्वांचल के विकास का आधार स्तंभ है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में ‘विकास के साथ संवाद’, ‘अधिग्रहण के साथ सम्मान’ और ‘संरचना के साथ सहमति’ को प्राथमिकता दी गई है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा किया गया है। इसकी कुल अनुमानित लागत ₹7,283 करोड़ बताई जा रही है। एक्सप्रेसवे के बनने से गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ और आसपास के जनपदों में औद्योगिक निवेश, कृषि उत्पादों के परिवहन और व्यापारिक गतिविधियों में तेज़ी आने की संभावना है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री एवं नेता मंच पर उपस्थित रह।
कार्यक्रम स्थल पर शिलापट्ट का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री ने स्थानीय नागरिकों और अधिकारियों को धन्यवाद दिया और भविष्य की योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।
एक्सप्रेसवे के लोकार्पण से स्थानीय जनता में भारी उत्साह देखने को मिला। किसानों और व्यापारियों का कहना है कि अब उनके उत्पाद आसानी से लखनऊ, बनारस और दिल्ली जैसे बड़े बाजारों तक जल्दी पहुँच सकेंगे। साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी इस परियोजना से जुड़ेंगे।
यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से चार लेन का है, जिसे भविष्य में छह लेन तक विस्तारित किया जा सकता है। सड़क पर आधुनिक ट्रैफिक नियंत्रण प्रणाली, इंटरचेंज, टोल प्लाजा, पुल और अंडरपास जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अब पूर्वांचल के लिए न केवल एक संपर्क मार्ग रहेगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास, निवेश, रोजगार और बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित होगा।