ड्रोन, सेंसर, मोबाइल एप्स व एआई तकनीक से खेती में ला रहे नवाचार
कम लागत में बेहतर उत्पादन का लक्ष्य: जिला गन्ना अधिकारी
पीलीभीत (ब्यूरो): गन्ना विकास (Sugarcane Development) एवं चीनी उद्योग विभाग (Sugar Industry Department), पीलीभीत (Pilibhit) के निरंतर प्रयासों का असर अब ज़मीनी स्तर पर दिखने लगा है। जनपद के गन्ना किसान पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर अब डिजिटल फार्मिंग (digital farming) को अपनाते हुए उन्नत कृषि की दिशा में तेज़ी से अग्रसर हो रहे हैं। तकनीक आधारित खेती से न केवल उनकी लागत कम हो रही है, बल्कि उत्पादन भी बेहतर हो रहा है।
डिजिटल फार्मिंग के अंतर्गत किसान अब ड्रोन, जीआईएस तकनीक, मोबाइल एप्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) व सेंसर जैसे आधुनिक तकनीकी साधनों का उपयोग कर रहे हैं। इससे फसल की बुआई, रोग-नियंत्रण, सिंचाई और विपणन प्रक्रिया अधिक वैज्ञानिक व पारदर्शी बन रही है।
भसूड़ा गांव बना मॉडल
बीसलपुर क्षेत्र के गांव भसूड़ा में डिजिटल फार्मिंग का जीवंत उदाहरण देखने को मिला। यहां के किसान डॉ. हरप्रीत सिंह ने 20 एकड़ में गन्ने की नवीनतम किस्मों की खेती शुरू की है। उन्होंने ग्लोबल विश्वविद्यालय से बिज़नेस मैनेजमेंट में पीएच.डी. की है और अब कृषि क्षेत्र में नवाचार कर रहे हैं।
डॉ. हरप्रीत ने बताया कि वह सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम का प्रयोग करते हैं और कीट नियंत्रण के लिए रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर सेंसर आधारित सोलर लाइट ट्रैप का उपयोग करते हैं, जो दिन में चार्ज होकर रात में अपने आप जलता है। वे अब सेंसर्ड ड्रिप सिंचाई संयंत्र लगाने की दिशा में भी प्रयासरत हैं।
तकनीकी प्लेटफॉर्म से जुड़ रहे किसान
डॉ. हरप्रीत सहित अन्य किसान ई-घोषणा पत्र, ई-गन्ना ऐप और किसान पोर्टल के माध्यम से अपनी फसल से संबंधित समस्त जानकारियां ऑनलाइन अपडेट कर रहे हैं। गन्ना आपूर्ति की स्थिति, बुआई, सर्वेक्षण और भुगतान की जानकारी अब किसान मोबाइल पर ही देख पा रहे हैं।
जिला स्तर पर हो रहा तकनीकी मार्गदर्शन
भसूड़ा गांव में भ्रमण पर पहुंचे जिला गन्ना अधिकारी, बीसलपुर चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक और सचिव बीसलपुर ने खेतों का निरीक्षण किया और किसानों को आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर खुशी राम भार्गव ने बताया कि अब किसान ड्रोन से जैविक कीटनाशकों और नैनो यूरिया का छिड़काव भी करने लगे हैं।
जीआईएस तकनीक से पारदर्शी आपूर्ति व्यवस्था
डिजिटल फार्मिंग के तहत जीपीएस और जीआईएस आधारित फसल सर्वेक्षण और मैपिंग की जा रही है, जिससे गन्ना रकबे की निगरानी और मिलों तक गन्ना आपूर्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता आ रही है।
कम लागत में अधिक लाभ
डिजिटल तकनीक से न केवल लागत में कमी आई है, बल्कि रोग और कीट नियंत्रण समय से हो रहा है, जिससे उपज में वृद्धि हो रही है। सटीक डेटा पर आधारित निर्णयों से किसान अब जोखिम कम कर पा रहे हैं।
डिजिटल इंडिया मिशन में पीलीभीत की बड़ी उपलब्धि
जनपद के गन्ना किसानों की यह तकनीकी पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के डिजिटल कृषि दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में अहम मानी जा रही है। गन्ना आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय द्वारा लगातार जिला अधिकारियों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है, वहीं गन्ना विकास विभाग, पीलीभीत प्रशिक्षण, जागरूकता शिविर और तकनीकी सहायता के माध्यम से किसानों को डिजिटल खेती की ओर प्रेरित कर रहा है।


