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Wednesday, August 6, 2025

“पदाधिकारी नहीं, कार्यकर्ता बनें – ग्वालियर से गूंजी क्षत्रिय एकता की हुंकार”

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-128 साल के गौरवशाली इतिहास के साथ अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने ग्वालियर में दिखाया एकता का संकल्प
– वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेन्द्र सिंह ‘राजू’ का दो टूक संदेश

ग्वालियर: अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (All India Kshatriya Mahasabha) के वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेन्द्र सिंह ‘राजू’ मध्यप्रदेश प्रवास के तहत शनिवार को दर्पण कॉलोनी, ग्वालियर (Gwalior) स्थित किरण भदौरिया के निवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने संगठन के भविष्य, कार्यकर्ता आधारित संरचना, और आगामी राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर स्पष्ट विचार रखते हुए समाज में नई ऊर्जा का संचार किया।
राघवेन्द्र सिंह ने कहा —

“साजिशों में वो दम कहां, जो हमारी कोशिशों को दबा दें?
स्वाभिमान, मर्यादा, कुर्बानी और जुबान — यही राजपूताना की असली पूंजी है। इसे कभी गिरने मत देना।”
महामंत्री ने पदाधिकारियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि—

 

“हर संगठन में पदाधिकारियों की भरमार है, लेकिन कार्यकर्ता कम हो रहे हैं। आज ज़रूरत है सामूहिक एकता और ज़मीनी स्तर पर काम करने वालों की। जो सिर्फ कुर्सियों के पीछे नहीं, समाज के साथ चलें।”
उन्होंने समाज के लोगों से आवाहन किया कि अब वक्त है खुद जिम्मेदारी लेने का, आरोप लगाने और एक-दूसरे पर दोष मढ़ने से कुछ हासिल नहीं होगा।
राघवेन्द्र सिंह ‘राजू’ ने सधे हुए अंदाज़ में कहा —

 

 

“अगर समय रहते क्षत्रिय समाज में बौद्धिक और राजनीतिक जागृति नहीं आई, तो आने वाले समय में समाज को कठिन दौर से गुजरना पड़ेगा।”

उन्होंने स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि, “ग्वालियर में दस-दस राष्ट्रीय अध्यक्ष जिले तक सीमित हैं, आखिर क्यों? समाज सर्वोपरि था, है और रहेगा।”

उन्होंने जानकारी दी कि महासभा का राष्ट्रीय प्रबंध कार्यकारिणी का निर्वाचन 22 जून को आयोजित होगा। इसके लिए नामांकन 21 जून को होंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रतिनिधियों के साथ जन प्रतिनिधियों का भी सम्मान किया जाएगा। अधिवेशन पूर्णत: पारदर्शी और राष्ट्रव्यापी प्रतिनिधित्व के साथ होगा।

महासभा की गतिविधियां केवल बैठकों तक सीमित नहीं। कल, 15 जून को शिवपुरी में होने जा रहे प्रतिभा सम्मान समारोह में राघवेन्द्र सिंह ‘राजू’ के साथ ही कई क्षत्रिय दिग्गज — आदित्य भदौरिया, निहाल सिंह, राघवेंद्र सिंह
जैसे राष्ट्रीय चेहरों की उपस्थिति रहेगी। यह कार्यक्रम युवाओं में चेतना जगाने और समाज को एक सूत्र में पिरोने का एक प्रयास है।

इस मौके पर वक्ताओं ने सामाजिक नेता कुंवर हरिवंश सिंह का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी लोकप्रियता सिर्फ भारत तक सीमित नहीं, विदेशों में भी वे क्षत्रिय समाज के मजबूत प्रतिनिधि के रूप में पहचाने जाते हैं। उनका सामाजिक सरोकार और संगठनात्मक समर्पण युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

राघवेन्द्र सिंह ‘राजू’ ने अंत में कहा —

“समाज में बदलाव केवल भाषणों से नहीं, कार्यकर्ताओं की मेहनत से आता है।
संगठन को अपनी कर्मभूमि बनाइए, न कि पद की पहचान।”

उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो संगठन में केवल आरोप लगाने या गुटबाजी करने आए हैं, उन्हें अब सोचना चाहिए — समाज को जोड़ना प्राथमिकता होनी चाहिए, तोड़ना नहीं।

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