— “रक्त दीजिए, जीवन बचाइए” का संदेश लिए मनाया गया विश्व रक्तदाता दिवस
प्रशांत कटियार
हर साल 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day) पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह दिन उन स्वैच्छिक रक्तदाताओं को समर्पित है जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों के जीवन को बचाने के लिए रक्तदान करते हैं। साथ ही, यह दिन रक्तदान के महत्व को उजागर करने, समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने का एक बड़ा माध्यम है।
विश्व रक्तदान दिवस की शुरुआत 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने की थी। यह दिन प्रसिद्ध ऑस्ट्रियाई जीवविज्ञानी कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिवस पर मनाया जाता है, जिन्होंने रक्त समूहों की खोज की थी और जिनके इस अविष्कार ने आधुनिक चिकित्सा में क्रांति ला दी।
रक्त एक ऐसा तरल है जिसका कोई कृत्रिम विकल्प नहीं है। यह केवल एक स्वस्थ मानव शरीर से ही प्राप्त किया जा सकता है। दुर्घटनाएं, ऑपरेशन, प्रसव, थैलेसीमिया, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित रोगियों के लिए समय पर रक्त मिलना जीवन और मृत्यु का अंतर तय कर सकता है।
भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में हर साल लाखों यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, लेकिन रक्तदाताओं की कमी के कारण कई बार समय पर रक्त नहीं मिल पाता, जिससे अनगिनत जानें चली जाती हैं।
🌟 2025 की थीम: “20 साल का जश्न: रक्तदान, एकजुटता और जीवन का उत्सव”
इस वर्ष 2025 में विश्व रक्तदान दिवस की थीम है —
“Celebrating 20 years of giving: Thank you, blood donors!”
(“20 वर्षों की सेवा का जश्न: धन्यवाद रक्तदाताओं!”)
बीते 20 वर्षों में रक्तदान के क्षेत्र में हुए सुधारों और योगदानों को सम्मान देना।
अधिक से अधिक युवाओं को रक्तदान से जोड़ना।
लगातार और सुरक्षित रक्तदान के लिए प्रोत्साहन देना।
भारत में जागरूकता बढ़ने के बावजूद रक्तदान को लेकर कई भ्रांतियाँ अब भी समाज में व्याप्त हैं। कुछ लोगों को लगता है कि रक्तदान से कमजोरी आती है, जबकि सच्चाई यह है कि एक स्वस्थ व्यक्ति साल में 3-4 बार तक सुरक्षित रूप से रक्तदान कर सकता है। एक यूनिट रक्त देने से शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
सरकार और विभिन्न गैर सरकारी संगठन (NGOs) समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करते हैं, लेकिन यह प्रयास तभी सफल होंगे जब आम नागरिक स्वयं आगे आएं। जीवन बचाने का सरल तरीका: एक यूनिट रक्त तीन लोगों की जान बचा सकता है। नियमित रक्तदान से शरीर में आयरन का संतुलन बना रहता है और हृदय संबंधी बीमारियों की संभावना कम होती है। मनोवैज्ञानिक संतोष: किसी की जान बचाने का संतोष आत्मिक शांति देता है।समाज सेवा का सशक्त माध्यम: रक्तदान न केवल सेवा है, बल्कि समाज को जोड़ने वाला एक मानवीय कार्य भी है।
“रक्त दान महादान है। यह वह तोहफा है, जो किसी ज़रूरतमंद को नया जीवन दे सकता है।”
“हर बूंद कीमती है — आज रक्त दीजिए, कल आपका कोई अपना भी इसका लाभ उठा सकता है।”
विश्व रक्तदान दिवस केवल एक दिन की रस्म नहीं है, यह एक जिम्मेदारी और संकल्प का दिन है। आइए, हम सब यह प्रण लें कि हम वर्ष में कम से कम दो बार रक्तदान करेंगे, दूसरों को इसके लिए प्रेरित करेंगे और एक स्वस्थ, जागरूक और संवेदनशील समाज का निर्माण करेंगे।
लेखक दैनिक यूथ इंडिया के डिप्टी एडिटर हैँ।