-सपा के संस्थापक सदस्य और सहकारिता आंदोलन के पुरोधा को अंतिम विदाई, -राजनीतिक-सामाजिक जगत में शोक की लहर
लखनऊ/फर्रुखाबाद/कन्नौज: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक सदस्यों में शामिल, कन्नौज से तीन बार सांसद और उत्तर प्रदेश में सहकारिता आंदोलन के मजबूत स्तंभ छोटे सिंह यादव (Chhote Singh Yadav) का शुक्रबार को लखनऊ (Lucknow) के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वे 82 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से समाजवादी खेमे सहित पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।
छोटे सिंह यादव समाजवादी राजनीति के ऐसे मजबूत स्तंभ रहे जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय गरीब, किसान और मजदूरों की आवाज़ बुलंद करने में लगा दिया। सहकारिता आंदोलन में उनका योगदान ऐतिहासिक माना जाता है। वे न सिर्फ समाजवादी पार्टी के स्थापना काल के साक्षी रहे बल्कि पार्टी की नींव मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
उनकी राजनीतिक यात्रा प्रेरणास्रोत रही है — जमीन से जुड़े मुद्दों पर संघर्ष, किसान-हितैषी दृष्टिकोण, और गरीबों के लिए समर्पण उनकी पहचान बनी। कन्नौज संसदीय क्षेत्र से तीन बार सांसद रहते हुए उन्होंने क्षेत्र के विकास और जनता के अधिकारों के लिए आवाज़ बुलंद की।
उनके निधन पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “छोटे सिंह यादव जी समाजवाद के सच्चे सिपाही थे। उनका जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनके निधन से हमने एक महान समाजवादी योद्धा को खो दिया है।”
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साथ उनके पारिवारिक और वैचारिक संबंध भी लंबे समय तक समाजवादी राजनीति को दिशा देते रहे। सहकारिता के क्षेत्र में उनका कार्य उन्हें ‘कोऑपरेटिव मूवमेंट का पितामह’ बना गया, जिनकी दूरदृष्टि से गांव और किसान सशक्त हुए।
उनके निधन पर कई राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और शुभचिंतकों ने शोक व्यक्त किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। आज उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव लाया जाएगा जहां अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। भावभीनी श्रद्धांजलि — “आपका जीवन समाज के लिए समर्पण, संघर्ष और सेवा का प्रतीक रहा। आपकी स्मृति सदैव हमारे मार्गदर्शन का स्रोत बनी रहेगी।”