गन्ना उत्पादन की लागत घटाकर आय बढ़ाने पर दिया गया जोर
वैज्ञानिकों ने दिए उन्नत तकनीकों के सुझाव
पीलीभीत: गन्ना विकास परिषद (Sugarcane Development Council) पीलीभीत एवं गन्ना किसान संस्थान (Sugarcane Farmers Institute) शाहजहांपुर (Shahjahanpur) के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को ग्राम कैम खास (क्रिटिकल विलेज) में गन्ना कृषकों हेतु एक दिवसीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गन्ना उत्पादन में लगने वाली लागत को कम करते हुए कृषकों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करना रहा।
गोष्ठी में उपस्थित वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों ने गन्ने की स्वीकृत प्रजातियों, उन्नत उत्पादन विधियों, सिंगल बड तकनीक द्वारा पौध तैयार करने की प्रक्रिया, पेड़ी प्रबंधन तथा रोग व कीट नियंत्रण विषयों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। गन्ना किसान संस्थान शाहजहांपुर से आए वैज्ञानिक डॉ. एस. पी. सिंह ने गन्ना खेती की तकनीकी बारीकियों पर प्रकाश डाला, वहीं डॉ. आर. डी. तिवारी ने जैविक खेती और पोषण प्रबंधन के विषय में उपयोगी जानकारी साझा की।
जिला गन्ना अधिकारी खुशी राम ने गन्ना खेती में जैविक नियंत्रण विधियों के लाभ बताए और बेधक कीटों के नियंत्रण हेतु ट्राइकोग्रामा कार्ड के प्रयोग को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कृषकों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के सीमित व संतुलित प्रयोग की सलाह देते हुए बताया कि जून के अंत तक गन्ना खेती की सभी आवश्यक क्रियाएं पूरी कर लेनी चाहिए, जिससे वर्षा ऋतु में होने वाली खरपतवार वृद्धि को नियंत्रित किया जा सके।
चीनी मिल पीलीभीत के मुख्य गन्ना प्रबंधक संजीव राठी ने मिल द्वारा कृषकों को दी जा रही सुविधाओं एवं विभिन्न अनुदान योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। गन्ना पर्यवेक्षक रोहतास उपाध्याय ने गन्ने में होने वाले लाल सड़न रोग के नियंत्रण उपाय बताए, जबकि राजकमल मिश्र ने फार्म मशीनरी बैंक के अंतर्गत उपलब्ध कृषि यंत्रों की जानकारी किसानों को दी।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक रामभद्र द्विवेदी ने किया एवं अध्यक्षता अग्रणी कृषक रमेश शर्मा द्वारा की गई। गोष्ठी में हरिओम गंगवार (देवीपुरा), सुरेन्द्र, राजेन्द्र, मनोज, सूरज सहित कई स्थानीय कृषकों ने भाग लिया। इस गोष्ठी से कृषकों को गन्ना उत्पादन में नवीनतम तकनीकों और सरकारी सुविधाओं की जानकारी मिली, जिससे वे अपनी खेती को अधिक लाभकारी बना सकेंगे।