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Monday, August 4, 2025

सीएम डैशबोर्ड समीक्षा: जिले की रैंकिंग 29, कई विभागों के खराब प्रदर्शन पर जताई गई नाराजगी

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16 विभागों की 28 योजनाओं की समीक्षा, विद्युत विभाग व खंड विकास अधिकारी शमसाबाद को नोटिस के निर्देश

 

फर्रुखाबाद: कलेक्ट्रेट सभागार फतेहगढ़ (Collectorate Auditorium, Fatehgarh) में जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी (District Magistrate Ashutosh Kumar Dwivedi) की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड (CM dashboard) की मई माह की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस समीक्षा में जनपद की रैंकिंग 29 आई, जिससे प्रशासन ने मिश्रित संतोष जताया, लेकिन कई विभागों के कमजोर प्रदर्शन पर नाराजगी भी जाहिर की।

बैठक में 16 विभागों से जुड़ी 28 योजनाओं की गहन समीक्षा की गई। इनमें से अधिकांश योजनाओं की रैंकिंग 20 से 74 के बीच पाई गई। सबसे खराब स्थिति उद्योग विभाग की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में देखी गई, जिसे 74वीं रैंक के साथ डी श्रेणी में रखा गया। इसी विभाग की ओडीओपी टूलकिट योजना भी डी श्रेणी में रही, जबकि ओडीओपी वित्त पोषण योजना की रैंक 53 पाई गई। श्रम विभाग की कन्या विवाह सहायता योजना की भी स्थिति चिंताजनक रही, जिसे 73वीं रैंक के साथ डी श्रेणी में रखा गया। जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी।

विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंताओं को भी नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, जबकि पर्यटन विभाग की स्थिति बी श्रेणी में पाई गई, जिसकी रैंकिंग 54 रही। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के भवन निर्माण कार्य में 50वीं रैंक मिली, वहीं नियोजन विभाग की फैमिली आईडी योजना में 58वीं रैंक के साथ सी श्रेणी प्राप्त हुई। ग्राम्य विकास विभाग की दीनदयाल अंत्योदय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) की रैंकिंग 69 और श्रेणी डी रही, जबकि मनरेगा योजना की रैंक 47 पाई गई। मनरेगा में लापरवाही के चलते खंड विकास अधिकारी शमसाबाद को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

जल जीवन मिशन में भी प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा और योजना को 55वीं रैंक के साथ सी श्रेणी में रखा गया। वहीं, चिकित्सा विभाग की बायो मेडिकल उपकरण रखरखाव योजना को 45वीं रैंक मिली है। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि “जिन विभागों की योजनाएं डी या सी श्रेणी में हैं, उन्हें अगले माह की समीक्षा से पूर्व सुधारात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी। योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, डीएफओ, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), जिला विकास अधिकारी सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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