– बौद्ध और सनातन अनुयायियों में बढ़ा धार्मिक विवाद
फर्रुखाबाद। ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण संकिसा स्तूप एक बार फिर विवाद की आग में घिर गया है। यहां उस समय धार्मिक तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब बौद्ध धर्म से जुड़े कुछ ग्रामीण पंचशील ध्वज लेकर स्तूप परिसर पहुंचे और उसे वहां स्थापित करने का प्रयास करने लगे। यह देख स्थानीय सनातन परंपरा के पुजारी ने इसका विरोध किया, जिससे दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस और नारेबाजी शुरू हो गई।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बौद्ध अनुयायियों का कहना था कि संकिसा स्तूप बौद्ध धर्म का पवित्र स्थल है, जहां तथागत गौतम बुद्ध अवतरित हुए थे, इसलिए पंचशील झंडा लगाना उनका अधिकार है।
वहीं, सनातन अनुयायियों का तर्क है कि स्तूप के ऊपर स्थित मंदिर में देवी विसहरी का निवास है, जहां वर्षों से पूजा होती आई है और वहां कोई बदलाव स्वीकार नहीं होगा।मामला बढ़ते देख थाना मेरापुर की पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझाकर विवाद शांत कराया। पुलिस की सक्रियता से टकराव की आशंका टल गई, लेकिन क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।
संकिसा स्तूप का ऐतिहासिक महत्व अत्यंत गहरा है। यह स्थान बुद्ध के स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक माना जाता है। यहां बौद्ध धर्म अनुयायी इसे अत्यंत पवित्र स्थल मानते हैं, जबकि स्तूप के ऊपरी भाग में स्थापित मंदिर में विसहरी देवी की पूजा सनातन धर्मावलंबी करते हैं। इसी दोहरी आस्था के कारण पिछले कई वर्षों से यहां धार्मिक विवाद की स्थिति बनी हुई है।
गौरतलब है कि इस स्थल को लेकर न्यायालय में वाद विचाराधीन है, लेकिन उसके बावजूद स्थानीय स्तर पर दोनों पक्षों के बीच टकराव की स्थिति समय-समय पर उभरती रहती है।
मेरापुर पुलिस ने दोनों समुदायों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण किसी भी पक्ष को एकतरफा कार्रवाई का अधिकार नहीं है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।