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Monday, August 25, 2025

बोधि यात्रा: मेकांग-गंगा सहयोग देशों के प्रतिनिधियों ने की उत्तर प्रदेश यात्रा

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– मुख्यमंत्री योगी ने कहा – यह अहिंसा, मैत्री और करुणा के संदेश को देगा नया आयाम
– मुख्यमंत्री आवास पर प्रतिनिधियों से की भेंट
– बुद्ध सर्किट को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का संकल्प

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में मेकांग-गंगा सहयोग (एमजीसी) देशों – कम्बोडिया, लाओस, वियतनाम, म्यांमार और थाईलैंड – से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया। यह प्रतिनिधिमंडल ‘बोधि यात्रा’ के अंतर्गत राज्य में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों की यात्रा पर आया है। इस यात्रा का उद्देश्य बौद्ध पर्यटन को प्रोत्साहन देने के साथ ही भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच सांस्कृतिक एवं कूटनीतिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बोधि यात्रा केवल पर्यटन को बढ़ावा देने का माध्यम नहीं, बल्कि यह भगवान बुद्ध के अहिंसा, मैत्री और करुणा के संदेश को वैश्विक स्तर पर मजबूती से प्रसारित करने का एक प्रयास है। उन्होंने बताया कि आज से 25 वर्ष पूर्व आरंभ हुए मेकांग-गंगा सहयोग ने भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच मित्रवत संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल को उत्तर प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों (ODOP) की भेंट भी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों के विकास, शोध और प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा, “सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, संकिसा, कौशांबी जैसे स्थल भगवान बुद्ध के जीवन और उपदेशों से जुड़े हुए हैं। देवदह, अहिच्छत्र और देवगढ़ जैसे स्थान भी ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इन स्थलों ने देश-दुनिया को शांति और प्रेरणा का संदेश दिया है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा चालू हो चुका है और वहां महात्मा बुद्ध विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। लखनऊ में शांतिवन बौद्ध विहार और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के साथ-साथ गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय जैसी संस्थाएं बौद्ध विचारधारा के प्रसार में अहम भूमिका निभा रही हैं।

इस यात्रा के तहत प्रतिनिधिमंडल ने पहले उत्तर प्रदेश के पावन स्थलों का भ्रमण किया और अब वे सारनाथ होते हुए बिहार के बौद्ध स्थलों का दौरा करेंगे। यह यात्रा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और उत्तर प्रदेश तथा बिहार के पर्यटन विभाग के सहयोग से मेकांग-गंगा सहयोग कार्ययोजना (2019-2024) के अंतर्गत आयोजित की गई है।
प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

एमजीसी देशों के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें भगवान बुद्ध की भूमि उत्तर प्रदेश आकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। भारत बौद्ध धर्म का जन्मस्थान है और उनके देशों से अनेक छात्र भारत में बौद्ध अध्ययन के लिए रुचि रखते हैं। उन्होंने भारत सरकार और उत्तर प्रदेश के आतिथ्य की सराहना की।

इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, एमजीसी देशों के प्रतिनिधि, बौद्ध भिक्षु, टूर ऑपरेटर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर उपस्थित रहे।

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