~ इस आउटरीच का उद्देश्य पारंपरिक कृषि पद्धतियों से लेकर उच्च-तकनीकी समाधानों तक कृषि की सभी आवश्यकताओं के लिए वित्तपोषण को बढ़ावा देना है ~
लखनऊ: सार्वजनिक क्षेत्र में देश के अग्रणी बैंकों में से एक, पंजाब नैशनल बैंक (PNB) सोमवार को अपने पहले देशव्यापी मासिक कृषि आउटरीच कार्यक्रम (monthly agriculture outreach programme) का सफल आयोजन किया। देश भर के कृषि (Agriculture) से संबंधित समुदायों का सहयोग करने के उद्देश्य से इस पहल का आयोजन हर माह के पहले दिवस पर जारी रहेगा जो किसानों और एग्री बिजनेसों के साथ निरंतर जुड़ाव सुनिश्चित करेगा।
कार्यक्रम 22 अंचलों में आयोजित किया गया था जिसमें ग्रामीण, अर्ध शहरी और शहरी सभी क्षेत्रों के कृषि समुदायों की सक्रिय सहभागिता दिखी। कृषि संबंधी व्यापक आवश्यकताओं के लिए वित्तपोषण के बारे में जागरूकता और पहुंच बढ़ाने के लिए पीएनबी ने कृषि चौपालों, डिजिटल ज़ोन और पीएनबी बूथों के माध्यम से इस आउटरीच को सुगम बनाया।
प्रमुख फोकस क्षेत्र:
* स्वयं सहायता समूह (एसएचजी): व्यावसायिक उद्यमों के विस्तार को सक्षम करने के लिए माइक्रो क्रेडिट प्लान-आधारित वित्तपोषण के साथ एसएचजी को मजबूत करना।
* कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ): उत्पादकता और बाजार तक पहुंच बढ़ाने के लिए फार्म मशीनीकरण, भंडारण सुविधाओं, कोल्ड स्टोरेज और कस्टम हायरिंग इकाइयों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
* सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिककरण (पीएमएफएमई): देश के बुनियादी ढांचे के उन्नयन, बेहतर गुणवत्ता मानकों और बाजार विस्तार के लिए सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं को अनुदान, ऋण और सब्सिडी का प्रावधान।
* अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र: नवाचार और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन, सटीक खेती, हाई-टेक कृषि और खाद्य एवं कृषि प्रसंस्करण इकाइयों के लिए समर्थन पर ध्यान केंद्रित करना।
इस पहल पर टिप्पणी करते हुए पीएनबी के एग्री एवं एफआई प्रभाग के सीजीएम श्री संजय वार्ष्णेय ने भारत के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बैंक के समर्पण को दोहराया। उन्होंने कहा “यह मासिक आउटरीच पहल वित्तीय संस्थानों को कृषि समुदाय से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्रामीण भारत में सतत विकास और आर्थिक विकास को बढ़ावा देकर, हमारा लक्ष्य ऋण तक पहुंच में सुधार करना, अपने डिजिटल ऋण समाधानों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, और कृषि मूल्य श्रृंखला में साझेदारी को मजबूत करना है। यह जारी कार्यक्रम किसानों को सशक्त बनाने और क्षेत्र के दीर्घकालिक लचीलेपन का समर्थन करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।”