पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने किया कार्यक्रमों की समीक्षा, क्षत्रिय भवन निर्माण पर दिया जोर
लखनऊ। पूर्व सांसद व राष्ट्रीय क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष कुंवर हरिवंश सिंह ने लखनऊ प्रवास के दौरान संगठन के आगामी 22 जून को होने वाले राष्ट्रीय खुला अधिवेशन की तैयारियों की समीक्षा की। लखनऊ के जापलिंग रोड स्थित राज अपार्टमेंट कार्यालय पर आयोजित बैठक में उन्होंने देशभर से आने वाले प्रतिनिधियों के लिए रहने, भोजन और कार्यक्रम स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री और संगठन के मुख्य सलाहकार दयाशंकर सिंह से भी उन्होंने बैठक कर आयोजन को सफल बनाने हेतु चर्चा की।
कुंवर हरिवंश सिंह ने संबोधन में कहा:
“हमें पसंद करने वाले कम हो जाएं तो चलेगा, लेकिन जलने वालों की संख्या बढ़ती रहनी चाहिए। कर्म तो सब करते हैं, लेकिन जिनका कर्म ही धर्म की रक्षा करना है – वो हैं क्षत्रिय।”
उन्होंने कहा कि क्षत्रिय संगठन का मुख्य उद्देश्य आत्मसम्मान, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना है। बैठक में यह भी कहा गया कि “क्षत्रिय भवन” निर्माण का प्रस्ताव लंबे समय से लंबित है, जिसे शीघ्र पूरा किया जाएगा।
“अपने लक्ष्य को ऊँचा रखो और तब तक मत रुको जब तक आप इसे हासिल नहीं कर लेते। क्षत्रिय नाम और पहचान भले ही छोटी हो, मगर ताकत खुद की होनी चाहिए।”
बैठक की समीक्षा वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेंद्र सिंह राजू ने की, जिन्होंने कार्यक्रम प्रभारी की भूमिका निभाई। उन्होंने कहा:
“रिश्ते बचाइए, आज इंसान अकेला हो गया है। अब कोई फोटो लेने वाला नहीं बचा, सबको सेल्फी लेनी पड़ती है, जिसे अब हम फैशन कहते हैं।”
राजू ने यह भी जोड़ा कि कई बार लोग कहते हैं “हम तुम्हारे साथ हैं”, लेकिन अगर वास्तव में साथ होते तो शायद हमें इतना संघर्ष न करना पड़ता।
बैठक में सुखवीर सिंह भदौरिया, भुवनेश्वर सिंह, अमरेन्द्र सिंह परमार, जयगोबिंद सिंह, हरेन्द्र सिंह तरकार, मनोज सिंह भदौरिया, प्रिंसु सिंह, एड. दलवीर सिंह तोमर, पूर्व पुलिस अधिकारी वीरपाल सिंह भदौरिया, हाईकोर्ट बैरिस्टर आलोक सिंह, दिग्विजय सिंह, लालू सिंह एडवोकेट, अजय सिंह, और पारस चौहान सहित कई वरिष्ठों ने अपने सुझाव दिए।
आज 31 मई को कार्यक्रम की आयोजन समिति का गठन भी किया गया। इस बीच संभावना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर हरिवंश सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाक़ात कर सकते हैं।
इस राष्ट्रीय अधिवेशन में क्षत्रिय समाज के देशभर से हजारों प्रतिनिधियों के आने की उम्मीद है, जो संगठन की दिशा और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेंगे।