– मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप, विशेष सचिव सुधा वर्मा ने किया औचक निरीक्षण
फर्रुखाबाद: संवाददाता – दैनिक यूथ इंडिया: जिले के सबसे बड़े अस्पताल डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय (Dr. Ram Manohar Lohia Combined Hospital) में जनरेटर ना चलने और अन्य कुप्रबंधन की खबर को यूथ इंडिया (Youth India) ने प्रमुखता से उठाया था। इस रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया, जिसके बाद राजधानी से आदेश जारी होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में लोहिया अस्पताल का निरीक्षण कराया गया, जिसमें गंभीर अनियमितताएं उजागर हुईं।
खबर के मुताबिक, लोहिया अस्पताल में भीषण गर्मी में भी जनरेटर नहीं चलाया जा रहा था, जिससे मरीजों को भारी परेशानी हो रही थी। मामले की जांच के दौरान जब लॉग बुक की जांच की गई, तो पाया गया कि कोई रिकॉर्ड दर्ज ही नहीं था। इस पर अधिकारियों ने जनरेटर ऑपरेटर पवन तिवारी को जमकर फटकार लगाई। एक अधिकारी ने तो यहां तक कह दिया कि “ज्यादा बातें करोगे तो जेल भेज दूंगा”।
स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कर्मचारी कार्रवाई के डर से बगलें झांकते नजर आए। निरीक्षण में स्पष्ट रूप से लापरवाही सामने आई और निर्देश दिया गया कि जनरेटर को हर समय क्रियाशील स्थिति में रखा जाए, ताकि मरीजों की जान जोखिम में न पड़े। इसी क्रम में महिला कल्याण विभाग की विशेष सचिव सुधा वर्मा ने लोहिया अस्पताल (पुरुष शाखा) का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने द्वितीय तल पर बने एनआरसी (Newborn Care Centre) वार्ड का निरीक्षण कर वहां भर्ती 11 कुपोषित बच्चों की माताओं से बातचीत की, उपचार की जानकारी ली और उन्हें फल व पोषण किट वितरित की।
निरीक्षण के दौरान एनआरसी वार्ड को ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए, ताकि जरूरतमंद माताएं व नवजात बच्चे आसानी से पहुंच सकें। साथ ही शू कवर की अनुपलब्धता, गंदे रैंप और परिसर की सफाई व्यवस्था को लेकर भी कड़ी नाराजगी जताई गई। सीएमओ और सीएमएस को निर्देशित किया गया कि सभी खामियों को तत्काल प्रभाव से दूर किया जाए। सीएमएस डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि विशेष सचिव के निरीक्षण में जो कमियां पाई गई हैं, उन्हें शीघ्र सुधारने की कार्रवाई की जा रही है।
इस पूरे घटनाक्रम में यूथ इंडिया की खबर ने जो असर डाला, उसने साबित किया कि जिम्मेदार पत्रकारिता आज भी बदलाव का माध्यम बन सकती है। मुख्यमंत्री कार्यालय तक आवाज पहुंचने और फिर जमीनी कार्रवाई होने से आम जनता में भी सकारात्मक संदेश गया है। जनरेटर ना चलने और रिकॉर्ड गायब होने पर अस्पताल में मचा हड़कंप। मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान लेने के बाद तुरंत जांच और निरीक्षण। विशेष सचिव सुधा वर्मा का औचक निरीक्षण, माताओं को पोषण किट वितरित। एनआरसी वार्ड को ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट करने का आदेश। सीएमएस ने दी खामियों को सुधारने की गारंटी।