– श्री राधा श्याम शक्ति मंदिर में प्रवचन में बोले विद्वान
फर्रुखाबाद। लोहाई रोड स्थित श्री राधा श्याम शक्ति मंदिर में चल रहे प्रवचन कार्यक्रम के दौरान आध्यात्मिक विचारक एवं मुख्य वक्ता डॉ. अंबर ने श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों को मानव जीवन के लिए महामंत्र बताया। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास की रचना ‘रामचरितमानस’ केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों का प्रतीक है, जो सनातन धर्म की आत्मा को जीवंत करता है।
डॉ. अंबर ने कहा कि श्रीरामचरितमानस एक ऐसा महामंत्र काव्य है, जो प्रत्येक कालखंड में समाज को दिशा देने का कार्य करता रहा है। उन्होंने अयोध्याकांड में लक्ष्मण और भरत, सुंदरकांड में विभीषण, अरण्यकांड में सुतीक्ष्ण और किष्किंधा कांड में हनुमान के चरित्रों को प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने विशेष रूप से विभीषण के जीवन में संत के माध्यम से राम प्रेरणा का उल्लेख करते हुए मानस की विशेषताओं को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि श्रीरामचरितमानस यह संकल्प दिलाता है कि “राम हैं तो राष्ट्र है।” राम नाम केवल एक देवीय पहचान नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है। उन्होंने श्री राम, कृष्ण और राधा नामों का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है, क्योंकि राष्ट्र रहेगा तो समाज, परिवार और भारत जैसे महान देश की संरचना बनी रहेगी। इसलिए श्री राम हम सभी के जीवन का आधार हैं।
प्रवचन कार्यक्रम में डॉक्टर हरिदत्त द्विवेदी, डॉक्टर मनोज मेहरोत्रा, सुरेंद्र कुमार सफ्फड़, हर्षित सिकटिया और अरुण जालान सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संत कवि बृज किशोर सिंह ‘किशोर’ ने किया, जबकि मंदिर प्रबंधक सुरेंद्र कुमार सफ्फड़ ने सभी भक्तों के प्रति आभार व्यक्त किया।