दस्तावेज लेखक संघ ने भी दिया समर्थन, रजिस्ट्री कार्यालय में सन्नाटा, बैनामा कार्य ठप
फर्रुखाबाद: तहसील सदर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं (advocates) की निबंधन मित्र योजना (Registration Mitra Scheme) के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल (strike) बुधवार को दूसरे दिन भी पूरी ताकत से जारी रही। अधिवक्ताओं के साथ-साथ दस्तावेज लेखक संघ ने भी कार्य बहिष्कार कर सरकार के इस निर्णय का जोरदार विरोध किया। सुबह से ही रजिस्ट्री भवन और तहसील परिसर में सन्नाटा पसरा रहा। अधिवक्ता व दस्तावेज लेखक अपने-अपने चैंबरों से नदारद रहे और किसी भी प्रकार का बैनामा या रजिस्ट्री का कार्य नहीं हुआ। अधिवक्ताओं ने परिसर में बैठकर धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
तहसील सदर बार एसोसिएशन के सचिव अतुल मिश्रा ने कहा, “शासन-प्रशासन की उदासीनता साफ नजर आ रही है। सरकार अधिवक्ताओं के प्रति संवेदनशील नहीं है। यदि हमारी मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और अधिक उग्र किया जाएगा।” दस्तावेज लेखक संघ के अध्यक्ष विनोद सक्सेना ने अधिवक्ताओं के साथ एकजुटता जताते हुए कहा, “सरकार की निबंधन मित्र योजना दस्तावेज लेखकों के लिए रोजगार संकट खड़ा कर देगी। इससे हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं।”
बुधवार को भी रजिस्ट्री कार्यालय में कोई बैनामा, वसीयत या नामांतरण से जुड़ा कार्य नहीं हुआ। इससे आमजन भी काफी परेशान रहे, जिन्हें जरूरी दस्तावेजों के पंजीकरण के लिए कई घंटे इंतजार करना पड़ा लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। हड़ताल और विरोध प्रदर्शन में शामिल प्रमुख अधिवक्ताओं में सचिव अतुल मिश्रा, विकास सक्सेना, अतर सिंह कटियार, दयाशंकर तिवारी, ओमप्रकाश दुबे, रविनेश यादव, पंकज राजपूत, संजय शाक्य, सुधीर सक्सेना, कुलदीप त्रिपाठी, राजेश वर्मा आदि मौजूद रहे।
बार एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो यह हड़ताल आगे भी जारी रहेगी और राजधानी लखनऊ तक आंदोलन का विस्तार किया जा सकता है।