फर्रुखाबाद। क्षेत्र को गंगा पार से जोड़ने वाला लोहिया सेतु अब अपने अंतिम दौर में पहुंच चुका है। करीब 50 साल पहले बना यह पुल आज अपनी जर्जर हालत पर आंसू बहा रहा है।
पुल के जोड़ पूरी तरह से खुल चुके हैं और इसकी हालत देखकर कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है।
सूत्रों के मुताबिक पुल के सुंदरीकरण का ठेका जरूर उठा था, लेकिन उसमें मानकों की अनदेखी की गई। कार्य शुरू होते ही दो दिन में ही पुल फिर से अपनी पुरानी दशा में लौट गया।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस पुल का उपयोग फतेहगढ़ मिलिट्री सेंटर से लेकर शाहजहांपुर, बरेली, बदायूं, पीलीभीत और चीनी मिल के गन्ना वाहनों तक के लिए होता है।
भारी ट्रैफिक दबाव के बावजूद इसकी अनदेखी चिंता का विषय है। लोग सवाल कर रहे हैं—क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे के बाद ही जागेगा?