लखनऊ: ओरल कैंसर के बढते मामलों को देखते हुए मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) ने मर्क स्पेशियलिटीज प्रा. लिमिटेड के सहयोग से ‘ओरल कैंसर (oral cancer) सुरक्षा के लिए दो मिनट की पहल’ एक अभियान शुरू किया हैं। इस राष्ट्रव्यापी प्रयास का उद्देश्य मुंह के कैंसर के बढ़ते मामलों पर रोक लगाना है। लोगों कों स्व-परीक्षण के बारे में जागरूक करना हैं।
यह राष्ट्रीय स्तर का प्रयास मुँह के कैंसर के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है, जिसमें आम लोगों को शीशे की मदद से दो मिनट में एक त्वरित सेल्फ-चेक करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। विशेषज्ञ लोगों को मुँह में सफेद या लाल धब्बे, न भरने वाले घाव या अनजाना खून बहना, लगातार सूजन या आवाज में बदलाव जैसे चेतावनी संकेतों को पहचानने की सलाह दे रहे हैं।
इस पहल के तहत अस्पतालों में आने वाले मरीजों को भी स्व-परीक्षण के लिए प्रेरित किया जाएगा, जहां प्रतीक्षा कक्षों में रणनीतिक स्थानों पर शीशे लगाए जाएंगे। अभियान के शुभारंभ के अवसर पर मेडिकल एवं हेमाटो ऑन्कोलॉजी निदेशक डॉ. हर्षवर्धन अत्रेय, मेडिकल एवं हेमोटो ऑन्कोलॉजी निदेशक डॉ. अभिषेक कुमार सिंह और मेडिकल स्टाफ मौजूद थे।
भारत को हेड एंड नेक कैंसर की राजधानी कहा जाता है। क्योंकी, भारत में हर साल दोन लाख से ज्यादा लोग हेड एंड नेक कैंसर के शिकार होते हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। जीवनशैली में बदलाव, तंबाकू और शराब का सेवन, प्रदूषण और गलत खानपान भी कैंसर के मामलों को बढ़ा रहे हैं। 2022 में, सिर्फ होंठ और मुंह के कैंसर के 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे।
डॉ. अभिषेक कुमार सिंह ने कहॉं की, “सिर और गर्दन का कैंसर भारत में सबसे आम कैंसर है, जिसमें मुँह, गले, नाक और स्वरयंत्र का कैंसर शामिल है। मुँह का कैंसर सबसे तेज़ी से बढ़ रहा है। मुख्य वजह यह है कि लोग लक्षणों से अनजान हैं और स्वयं की जांच नहीं करते। जहां ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जागरूकता काफी बढ़ी है, वहीं मुँह के कैंसर के मामले में यह गंभीरता अभी भी नहीं देखी जाती। लगभग 65% मरीज देर से डॉक्टर के पास जाते हैं, जिससे इलाज में देरी होती है और जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है। यह अभियान दो मिनट की मासिक सेल्फ-चेक की अहमियत को दर्शाता है। शीघ्र निदान से इलाज तेज, प्रभावी और सफल होने की संभावना अधिक होती है।”
कैसे करें दो मिनट की जांच:
• देखें: शीशे में मुँह के अंदर सफेद या लाल धब्बे, दो हफ्तों से न भरने वाले छाले, खून बहना या दाँत ढीले होना देखें।
• महसूस करें: जबड़े या गर्दन में कोई गांठ, सूजन, आवाज में बदलाव या निगलते समय कान में दर्द जैसे लक्षण महसूस करें।
• कार्रवाई करें: यदि कोई लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर जांच से इलाज संभव है।