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Tuesday, August 26, 2025

दहेज हत्या में मां-बेटे दोषी करार, 17 मई को सजा पर सुनवाई

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फर्रुखाबाद। दहेज की लालच में अपनी पत्नी को जिंदा जलाकर मारने के चार साल पुराने मामले में अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए पति और सास को दोषी करार दिया है। अपर जिला जज संदीप तिवारी की अदालत ने दोनों आरोपियों को जेल भेजते हुए सजा पर सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख तय की है।

यह मामला जनपद हरदोई के थाना बिलग्राम क्षेत्र की रहने वाली सितारा देवी की पुत्री ममता की हत्या से जुड़ा है। सितारा देवी ने पुलिस अधीक्षक को 18 जून 2020 को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उन्होंने लगभग तीन वर्ष पूर्व ममता की शादी शिवकुमार पुत्र भारत सिंह, निवासी टिकुरियन नगला, थाना मऊदरवाजा, फर्रुखाबाद के साथ हिंदू रीति-रिवाज से की थी। शादी में समर्थ अनुसार दहेज भी दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद पति शिवकुमार, ससुर भारत सिंह, सास नन्ही देवी और ननद रोशनी व ज्योति ने दहेज में मोटरसाइकिल की अतिरिक्त मांग शुरू कर दी।

शिकायत के अनुसार, ममता को बार-बार दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया। 1 जून 2020 को ममता के ऊपर ससुराल पक्ष ने केरोसिन डालकर आग लगा दी। यह जानकारी ममता के पड़ोसी ने फोन पर ममता के भाई उमेश को दी। जब परिजन मौके पर पहुंचे, तो ममता गांव के बाहर एक बाग में गंभीर रूप से जली अवस्था में पाई गई। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां से इलाज के लिए सैफई रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान 15 जून को ममता की मृत्यु हो गई।

पीड़िता के अंतिम समय में दिए गए बयान का वीडियो भी मौजूद था, जिसे उसके भाई ने रिकॉर्ड किया था। परिवार का आरोप है कि थाना मऊ दरवाजा पुलिस ने शुरुआत में रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया था। बाद में साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

सुनवाई के बाद अदालत ने पति शिवकुमार और सास नन्ही देवी को दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया। मामले में सजा के निर्धारण पर 17 मई को सुनवाई होगी।

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