गाजीपुर: भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच जारी तनाव के बीच गाजीपुर के मुस्लिम समाज ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। मस्जिदों और मोहल्लों से उठी राष्ट्रभक्ति की हुंकार ने यह साफ कर दिया कि भारतीय मुसलमान वतन के साथ हैं, न कि पाकिस्तान के साथ। गुरुवार को गाजीपुर के कई इलाकों में मुस्लिम समाज के लोगों ने एकजुट होकर विरोध जताया और पाकिस्तान की आतंकी हरकतों की निंदा की। जामा मस्जिद, नवाबगंज, जंगीपुर, महुवरिया, पीरनगर जैसे इलाकों में लोगों ने देशभक्ति नारे लगाए और पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं व कुरान के हवाले से वतन की हिफाजत को ‘ईमान’ बताया।
कुरान का संदेश: जिस देश में जन्म लिया, उसकी हिफाजत फर्ज़
स्थानीय मौलाना मुहम्मद सरफराज कासमी ने कहा, “इस्लाम किसी भी बेकसूर की जान लेने की इजाजत नहीं देता। जो अपने ही देश में शांति भंग करता है, वह न इस्लाम का है, न इंसानियत का। कुरान कहती है कि जिस मिट्टी से जन्म लिया, उसकी रक्षा करना फर्ज़ है।” मुस्लिम युवाओं ने “भारत माता की जय” और “पाकिस्तान मुर्दाबाद” के नारे लगाए। लोगों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना बार-बार भारतीय मुसलमानों को भड़काने की साजिश करती रही है, लेकिन अब वह मंसूबे नाकाम हो गए हैं।
स्थानीय निवासी अफरोज़ अहमद ने कहा, “हम भारतीय हैं और रहेंगे। पाकिस्तान सिर्फ धमकी देता है, हम जवाब देना जानते हैं। जब बात वतन की आती है, तो मजहब पीछे रह जाता है।”
मौलाना शाकिर उस्मानी ने कहा, “जो मस्जिदों में बम फोड़ते हैं, वो इस्लाम के नहीं हो सकते। पाकिस्तान आज मजहब के नाम पर जो नफरत फैला रहा है, उसका इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं। हमें भारत में सम्मान मिला है और हम उसकी रक्षा करेंगे।”
गाजीपुर से उठी यह आवाज़ न सिर्फ पाकिस्तान को चेतावनी है, बल्कि देश के भीतर भी एक मजबूत संदेश है कि भारत का मुस्लिम समाज हर संकट की घड़ी में वतन के साथ खड़ा है। “हम भारतीय हैं, और भारत ही हमारी पहचान है।”