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Friday, June 27, 2025

दिनदहाड़े हिस्ट्रीशीटर बालू माफिया मनोज यादव ने की थी लूट, चार नामजद 

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थाना अध्यक्ष ने माफिया का किया बचाव विवेचना में लूट को किया समाप्त मारपीट की मामूली धाराओं में विवेचना जारी

फर्रुखाबाद/अमृतपुर: जिले में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब दिनदहाड़े लूट जैसी वारदातें भी आम होती जा रही हैं। लेकिन पुलिस भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है बीते दिनों तहसील अमृतपुर के ग्राम आसमपुर मे शुक्रवार के दिन दुर्दांत माफिया और हिस्ट्रीशीटर मनोज यादव ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर बालू खनन पट्टे पर लूट की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था जिसमें बताया जा रहा है कि आसमपुर में बालू पट्टा काफी समय से अनंत राम शाक्य निवासी कुइयाबूट द्वारा वैध रूप से संचालित किया जा रहा है।

लेकिन शुक्रवार को मनोज यादव, अमित यादव और उनके साथ आए करीब 15 से 20 अज्ञात असलहाधारी बदमाशों ने मौके पर पहुंचकर बालू पट्टा कर्मियों से मारपीट की और जबरन ओटीपी वाला मोबाइल फोन तथा 30,000 रुपये लूट लिए। इसके बाद पीड़ित दलबीर सिंह पुत्र शिवदेव सिंह निवासी गांव सहजनी थाना मूसाझाग जिला बदायूं ने थाने में तहरीर दी और कहा कि वह बालू पट्टे का संचालन कर रहा है जिस पर जाकर माफिया हिस्ट्रीशीटर मनोज यादव ने अपने गुर्गों के साथ मारपीट की तथा मोबाइल रुपया दिन लूटने की बात कही और थाना पुलिस ने घटना को स्वीकार कर दुर्दांत माफिया मनोज यादव समेत भाई बबलू अमित सिंह पुत्रगण विजय सिंह निवासी कायमगंज हरिओम बलीपट्टी रानीगांव समेत 20 से 25 अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई लेकिन पीड़ित को न्याय नहीं मिल सका।

बालू माफिया से मिलकर थाना मोनू शाक्या ने पहले लूट की घटना की विवेचना स्वयं अपने पास रखी लेकिन खेल होने के बाद उसे मामूली धाराओं में बदलकर चौकी इंचार्ज विमल कुमार को दे दिया गया। जिसके कारण पीड़ित का पुलिस की कार्रवाई से विश्वास उठा ही बल्कि माफिया का प्रभाव क्षेत्र में भी पड़ने लगा जिसके कारण ग्रामीणों में कानून व्यवस्था को लेकर हर रोष दिखाई दे रहा है। सूत्रों की मानें तो हिस्ट्रीशीटर मनोज यादव के खिलाफ जनपद के विभिन्न थानों में हत्या के प्रयास (IPC 307), अवैध खनन और अन्य गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

बावजूद इसके, उसका खौफ इतना है कि लोग खुलकर उसके खिलाफ बोलने से डरते हैं स्थानीय लोगों ने बताया कि मनोज यादव और उसके सहयोगी बालू खनन में अवैध हस्तक्षेप कर पट्टा धारकों को धमकाते रहे हैं। घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।

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