शरद कटियार| यूथ इंडिया
उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गहरी साजिशों और अपराध के गठजोड़ से हिल उठी है। ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड के मुख्य आरोपी के सबसे करीबी सहयोगी, जो कभी जमीन की आड़ में काले कारोबार से लेकर महिलाओं के यौन शोषण तक में लिप्त रहे, आज भारतीय जनता पार्टी की छत्रछाया में राजनीतिक संरक्षण पा रहे हैं।
कभी जमीन का काला कारोबार, आज भाजपा का संरक्षण!
सूत्रों के अनुसार, यह आज भी एक होटल और अस्पताल की आड़ में अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। इतना ही नहीं, एक महिला को शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया गया और बच्चों तक को जन्म दिया गया, लेकिन विवाह आज तक नहीं किया गया। समाज को धोखे में रखकर यह रसूखदार व्यक्ति खुलेआम चमचमाती गाड़ियों से घूम रहे हैं।
इस पूरे मामले में दो भाइयों की भूमिका भी उजागर हो रही है। पहले भाई ने नाला मचरत्ता की राजनीति पर कब्जा कर करोड़ों का खेल खेला, वहीं दूसरे ने निजाम बदलते ही जिले के एक प्रभावशाली माननीय की शरण में जाकर भाजपा में शरण पा ली। यही नहीं, जातीय संगठनों का सहारा लेकर कभी सत्ता संगठन की ‘मास्टर चाबी’ हथियाने की कोशिश की।
पूर्व विधायक विजय सिंह का यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां उसके इन पुराने गुर्गों ने भारी-भरकम फीस अदा कर कानूनी लड़ाई लड़वाई साथ ही माफिया अनुपम दुबे और उसके भाइयों की भी मजबूती बढ़ाई। वहीं उसके तार सूबे के एक और सफेदपोश माफिया से जुड़े पाए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि राजनीतिक संरक्षण के चलते जांच एजेंसियों की नजरों से यह लगातार बचता आ रहा है।
भाजपा में कैसे मिला प्रवेश? खुलेंगे बड़े राज!
सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतने गंभीर आरोपों और विवादों के बावजूद, इन शातिरों को भाजपा में जगह कैसे मिली? क्या पार्टी नेतृत्व को इसकी पृष्ठभूमि की जानकारी नहीं थी, या फिर सब कुछ जानबूझकर नजरअंदाज किया गया?
सूत्रों और खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, आने वाले दिनों में इन सफेदपोश गुंडों से जुड़ी कई और परतें खुल सकती हैं। भाजपा के भीतर अपराधियों के प्रवेश पर यह मामला बड़ा राजनीतिक बवंडर खड़ा कर सकता है।वहीं शासन की नजर पड़ने के बाद जांच एजेंसियां एलर्ट हुईं हैं।
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(रिपोर्ट: यूथ इंडिया स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम)