मसूद तैमूरी
इटावा। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट नियुक्त करने के लिए टेक्निकल बिड खोले जाने के विरोध में सोमवार को बिजली कर्मचारियों ने शक्ति भवन घेर लिया।
बिजली कर्मियों के विरोध के चलते टेक्निकल बिड नहीं खोली जा सकी। बिड खोलने की तारीख 15 मार्च तक बढ़ाई गई है। संघर्ष समिति के आह्वान पर सोमवार को बिजली कर्मचारियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
संयुक्त संघर्ष समिति इटावा के संयोजक विवेक कुमार सिंह, सह संयोजक आनंद पाल, गगन अग्निहोत्री, राहुल कुमार, पीयूष मौर्य सभी एसडीओ,अधिशाषी अभियंता एचपी मिश्रा सचिव,अवर अभियन्ता संघ सचिव वीरेंद्र, लिपिक संवर्ग के सचिव राम जी, संघ सचिव मदन यादव आदि ने अधीक्षण अभियंता कार्यालय में विरोध सभा में शामिल रहे।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली का निजीकरण जिस प्रकार से किया जा रहा है, वह प्रक्रिया पूरी तरह से गैरकानूनी है। निजीकरण के लिए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट नियुक्त करने की निविदा में कनफ्लिक्ट आफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) के प्राविधान को हटा दिया गया है। यह सीवीसी की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। ऐसा करने से यह आभास मिल रहा है कि निजीकरण के पीछे कोई जनहित नहीं है बहुत बड़ा घोटाला होने वाला है।
संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि 15 मार्च को प्रदेश के समस्त जनपदों परियोजना मुख्यालयों और राजधानी लखनऊ में और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। निजीकरण के विरोध में समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध के कार्यक्रम जारी रहेंगे। साथ ही जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन दो अभियान चलाया जाएगा जिसके तहत बिजली कर्मी समस्त जनपदों में सांसद और विधायकों को निजीकरण के विरोध में ज्ञापन देंगे।