बलिया। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ( OP Rajbhar) अपनी ही सरकार की पुलिस से नाराज हैं। उन्होंने पुलिस पर अपनी पार्टी के पदाधिकारी के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। राजभर ने पुलिस अधिकारियों को सात मार्च तक का अल्टीमेटम दिया है और चेतावनी दी है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई, तो वह बांसडीह थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन और घेराव करेंगे। इस ऐलान के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता अरुण राजभर ने बुधवार को रसड़ा में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि बांसडीह क्षेत्र के पार्टी प्रभारी उमापति राजभर के साथ पुलिसकर्मियों ने दुर्व्यवहार किया और उनकी पिटाई की। उन्होंने बताया कि उपनिरीक्षक रंजीत विश्वकर्मा और कांस्टेबल शैलेश ने उमापति राजभर को थाने में बुलाकर मारपीट की, जिसकी शिकायत पार्टी नेतृत्व तक पहुंची।
पीड़ित उमापति राजभर का आरोप है कि 4 मार्च को वह बांसडीह तहसील परिसर में मौजूद थे, तभी एक चार पहिया वाहन ने उनके पैर को कुचल दिया। उन्होंने बताया कि वाहन का चालक उप जिलाधिकारी (एसडीएम) के सहायक दीपक था, जिसने उनके साथ बदसलूकी की और धमकाया। इसके बाद दीपक ने मौके पर पुलिस उपनिरीक्षक रंजीत विश्वकर्मा को बुलाया और उन्हें पुलिस चौकी ले जाकर पिटवाया।
इस घटना के बाद ओपी राजभर ने कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि 6 मार्च की शाम तक आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, अन्यथा 7 मार्च को बांसडीह थाने का घेराव किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अपनी पार्टी के नेता के साथ हुए दुर्व्यवहार को वह बर्दाश्त नहीं करेंगे और अगर पुलिस दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती है, तो वह खुद आंदोलन का नेतृत्व करेंगे।
घटना को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राम गोविंद चौधरी ने भी बयान जारी किया। उन्होंने पुलिस के कथित दुर्व्यवहार की निंदा करते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी राजनीतिक कार्यकर्ता के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और पुलिस को निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा देनी चाहिए।
बलिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. ओमवीर सिंह ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि घटना की जांच की जा रही है और जांच के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्री ओपी राजभर द्वारा थाने के घेराव की जानकारी नहीं है।
कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर के विरोध प्रदर्शन के ऐलान के बाद जिला प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। अधिकारी इस मामले को शांत कराने की कोशिश में जुट गए हैं। अब देखना होगा कि पुलिस प्रशासन मंत्री के अल्टीमेटम के बाद क्या कदम उठाता है और क्या दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होती है या नहीं।