लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly) में गुटखा और पान मसाला पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह फैसला सदन में एक विधायक द्वारा गुटखा खाकर थूकने की “ऐतिहासिक और अभूतपूर्व” घटना के बाद लिया गया। अब विधानसभा परिसर में कोई भी पान मसाला, गुटखा या तंबाकू उत्पादों का सेवन करता पाया गया तो उस पर ₹1000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
बीते मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान एक “माननीय विधायक” गुटखा खाते हुए कैमरे में कैद हो गए और सदन में ही “पिच्च” कर दिया। घटना के तुरंत बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे सरकार और विधानसभा अध्यक्ष पर सख्त कार्रवाई का दबाव बढ़ गया।
सदन में इस तरह की हरकतों से उसकी पवित्रता और अनुशासन पर सवाल उठे। पान-गुटखा थूकने से दीवारें और फर्श गंदे होते हैं, जिससे बार-बार सफाई करानी पड़ती है। जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों से सभ्य और जिम्मेदार व्यवहार की उम्मीद की जातहै। है
नए नियमों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति पहली बार गुटखा खाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे ₹1000 का तत्काल जुर्माना भरना होगा। यदि वह बार-बार नियम तोड़ता है, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
2019 में बिहार विधानसभा में भी पान मसाला और गुटखे पर प्रतिबंध लगाया गया था जब सदन में दीवारों और कोनों में थूक के निशान मिले थे।
2020 में मध्य प्रदेश विधानसभा में भी इसी तरह की हरकतें सामने आने के बाद गुटखा बैन किया गया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले भी सरकारी दफ्तरों और संस्थानों में तंबाकू उत्पादों के सेवन पर रोक लगाई थी, लेकिन बावजूद इसके गुटखा खाने की आदतें जारी हैं। अब देखना होगा कि यह नया आदेश कितना प्रभावी साबित होता है।