नई दिल्ली। अमेरिका से भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किए जाने के मुद्दे पर गुरुवार को संसद (Parliament) में तीखी बहस हुई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा है, बल्कि 2009 से ऐसी घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत कभी भी अवैध प्रवास का समर्थन नहीं करता क्योंकि यह किसी भी देश की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
जयशंकर के बयान के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोल दिया। कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे नागरिकों के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया, जो बेहद अपमानजनक है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपने ही नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा करने में विफल रही है।
संसद में पूरे दिन इस मुद्दे पर हंगामा जारी रहा। विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ‘सरकार शर्म करो’ के नारे लगाए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि सरकार इस मामले से अवगत है और यह विदेश नीति से जुड़ा गंभीर विषय है, जिस पर ध्यान दिया जा रहा है।
हंगामे के बाद विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया। कई सांसद हथकड़ी पहनकर विरोध जताते नजर आए। प्रदर्शन के दौरान विपक्ष ने पोस्टर लहराए, जिन पर लिखा था – “बेड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही है।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों के मामले को गंभीरता से ले रही है और राजनयिक स्तर पर इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए है और इसे भारतीयों के सम्मान से जुड़ा गंभीर मामला बता रहा है।