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Friday, April 25, 2025

महाकुंभ भगदड़ में मृत लोगों पर धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर भड़के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, बोले- मैं उन्हें धक्का देकर मोक्ष दे दूं…

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मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में मारे गए लोगों पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के मोक्ष वाले बयान पर उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda ) ने भड़क गए हैं। शंकराचार्य ने धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कहा कि अगर वो भी मोक्ष पाने के लिए तैयार हैं तो हम उन्हें मोक्ष दिलाने के लिए तैयार हैं।

दरअसल धीरेंद्र शास्त्री ने महाकुंभ भगदड़ को लेकर कहा था कि महाकुंभ में हुई ये घटना निंदनीय है, लेकिन एक बात कहूं, यह महाप्रयाग है। यहां मरा कोई नहीं है। हां असमय चले गए तो दुख तो है, लेकिन जाना तो एक दिन सबको है। कोई पहले चला गया, कोई बाद में जाएगा। यहां जो मरे हैं उनकी मृत्यु नहीं हुई है बल्कि उनको मोक्ष मिला है।

हम उनको मोक्ष कराने के लिए हैं तैयार: शंकराचार्य

धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद , नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि अगर उन्हें भी मोक्ष पाना है तो हम उन्हें भी मोक्ष दिलाने के लिए तैयार हैं। एक टीवी चैनल से बात करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि इन्हीं का मोक्ष करवा दो, अगर वो तैयार हों, तो हम अभी उनका धक्का मारकर उनका भी मोक्ष कराने के लिए तैयार हैं। अगर वो कहते हैं कि मोक्ष हो गया। देखिए, किसका मोक्ष हो गया किसका नहीं, अलग बात है। इस तरह से पैरों के नीचे कुचल-कुचलकर, दम घुटकर जो बच्चे, जो माताएं-बहनें, जो वृद्ध मरे हैं, मोक्ष हो गया है बहुत सरल है कह देना। इनमें से कोई तैयार हों। कृपया करके पधारें घोषण करें कि मेरा भी मोक्ष करा दीजिए।हम तैयार हैं, हम कूद पड़ेंगे इनके ऊपर।

इससे पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भगदड़ में हुई मौतों के बारे में जानकारी छिपाने को लेकर यूपी प्रशासन पर सवाल उठाए थे। इसके साथ ही उन्होंने सीएम योगी का इस्तीफा भी मांग लिया था।

मौनी अमावस्या के दिन मची थी भगदड़

बता दें कि मौनी अमावस्या के पर्व पर अमृत स्नान से पहले देर रात संगम नोज पर भगदड़ मच गई थी। सरकार के तरफ से जारी बयान के अनुसार 30 लोगों की मौत हो गई और 90 श्रद्धालु घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद अमृत स्नान को रोक दिया गया था। हालांकि बाद में अखाड़ों ने संगम में स्नान किया था।

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