लखनऊ: राजधानी Lucknow में भू-माफियाओं और सरकारी तंत्र की मिलीभगत से चल रहे अवैध प्लॉटिंग (illegal plots) के गोरखधंधे का बड़ा खुलासा हुआ है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की जांच में अब तक 97 अवैध टाउनशिप और प्लॉटिंग के मामले सामने आए हैं, जिनमें विभागीय इंजीनियरों की मिलीभगत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
अपर आयुक्त (विकास) के आदेश पर गठित जांच टीम ने पाया कि कई इलाकों में बिना मानचित्र स्वीकृति के ही कॉलोनियां काटी गईं और सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की वसूली की गई। यही नहीं, इन टाउनशिपों के ध्वस्तीकरण आदेशों पर अमल नहीं किया गया, जिससे निर्माण कार्य तेजी से चलता रहा।
एलडीए सूत्रों के अनुसार, जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ इंजीनियरों ने स्थानीय स्तर पर बिल्डरों से सांठगांठ कर अवैध नक्शे पास कराए और प्राधिकरण को गलत रिपोर्ट भेजी। इस पूरे मामले में कई जूनियर इंजीनियर, सहायक अभियंता और निरीक्षक स्तर के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
अपर आयुक्त ने निर्देश दिया है कि सभी संबंधित इंजीनियरों और भू-मालिकों से संपूर्ण दस्तावेज तुरंत प्रस्तुत किए जाएं, अन्यथा उन्हें निलंबित कर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने शहर में चल रही अवैध कॉलोनियों और बिना रजिस्ट्री के प्लॉट बिक्री पर भी निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले हफ्तों में कई टाउनशिप पर ध्वस्तीकरण अभियान चलाया जाएगा।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण अवैध कॉलोनियों का जाल इतना फैला कि आम लोग झांसे में आकर अपनी जिंदगी की पूंजी गंवा बैठे। अब उम्मीद है कि यह कार्रवाई ऐसे माफियाओं पर नकेल कसने का काम करेगी।


