जौनपुर (उत्तर प्रदेश)। कहते हैं, इश्क और शादी में उम्र कोई मायने नहीं रखती—but जौनपुर का एक किस्सा अब पूरे इलाके में हंसी और हैरानी का सबब बन गया है। यहां 75 वर्षीय बुजुर्ग संगरू राम ने पूरे धूमधाम से अपने से आधी उम्र की 35 वर्षीय महिला मनभावती संग सात फेरे लिए। बैंड-बाजा, बारात और ढोल-नगाड़ों के बीच बुजुर्ग दूल्हे ने नई नवेली दुल्हन का हाथ थामा तो पूरा गांव अचंभित था।
लेकिन यह शादी “सदी की सबसे छोटी मैरिड लाइफ” साबित हुई। शादी के बाद जब दूल्हा-दुल्हन अपने कमरे में पहुंचे, तो सुहागरात की खुशियाँ अगले ही दिन मातम में बदल गईं। अगले ही सुबह खबर आई कि संगरू राम का निधन हो गया है।
सुहागरात से श्मशान तक की यात्रा
गांव के लोग बताते हैं कि बुजुर्ग संगरू राम अपनी शादी को लेकर बेहद खुश और रोमांचित थे। उन्होंने दोस्तों से मजाक में कहा भी था—“अबकी बार बारात मेरी निकली है, सबको दावत दूँगा।”
लेकिन किसे पता था कि बारात के ढोल की गूंज इतनी जल्दी श्मशान की चिता में बदल जाएगी।
इस घटना के बाद पूरे इलाके में तरह-तरह की बातें हो रही हैं। चौपाल पर बैठकर लोग कहते है
“शादी सुहागरात में ही खत्म हो जाएगी, किसी ने सोचा भी न था।”
“लव स्टोरी से ज्यादा ये शॉर्ट स्टोरी बन गई।”
खेत-खलिहानों से लेकर हाट-बाजार तक लोग इसी घटना पर चर्चा कर रहे हैं।
दुल्हन मनभावती के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। सुहाग का सिंदूर मिटते ही उसने कहा—“मैंने सोचा था नई जिंदगी की शुरुआत होगी, पर पहले ही दिन अंत हो गया।”
गांव में हुई इस अनोखी शादी और उसके तुरंत बाद दूल्हे की मौत ने प्रशासन को भी हैरान कर दिया है। हालांकि, प्राथमिक तौर पर मौत को स्वाभाविक बताया गया है।
कुल मिलाकर, यह घटना साबित करती है कि “उम्र चाहे कोई भी हो, जिंदगी के फेरे कब खत्म हो जाएं, कोई नहीं जानता।”
जौनपुर का यह किस्सा अब “सुहागरात से श्मशान” वाली कहावत बनकर पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है।