फर्रुखाबाद। महादेवी वर्मा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, फतेहगढ़ में एक गरिमामयी मेधावी छात्रा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी और जिला विद्यालय निरीक्षक श्री नरेंद्रपाल सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिका गरिमा पांडे ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।समारोह में वर्ष 2024 की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 16 छात्राओं को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
हाई स्कूल में 85% से अधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं में शामिल रही आराध्या राज (88%)वैष्णवी राठौर (87.5%)तान्या (87%)गुनगुन शाक्य (86%)कोमल गुप्ता (85%)वीना (85%)वहीं इंटरमीडिएट की टॉपर्स में शिल्पी (84%)कावेरी (84%)प्रतिमा (83%)हर्षित (82%)मुस्कान राजपूत (81%)शिवांगी (81%)श्रिया शाक्य (81%)सोनम पाल (80%)अनीता (80%)ईशा (80%)इसके साथ ही विद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं में कक्षा 6 से 11 तक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली 34 छात्राओं को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, “बेटियों को सोशल मीडिया से दूर रहकर अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। शिक्षा ही मुक्ति का साधन है, यह विनम्रता लाती है और समाज में उच्च स्थान दिलाती है।
जिला विद्यालय निरीक्षक नरेंद्रपाल सिंह ने छात्राओं को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नेतृत्व कर रही कर्नल सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह से प्रेरणा लेने की सलाह दी।विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती दीपिका राजपूत ने बताया कि कुल 50 मेधावी छात्राओं को सम्मानित किया गया है जिससे वे आगे जिला और प्रदेश स्तर पर भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करें।प्रवक्ता आदेश गंगवार ने जीवन में सफलता हेतु पाँच गुण काक चेष्टा, बको ध्यानम्, स्वान निद्रा, अल्पाहारी और गृहत्यागी को अपनाने की प्रेरणा दी।शिक्षिका सरिता त्रिवेदी ने रामचरितमानस की चौपाइयों के माध्यम से परिश्रम का महत्व समझाया।
प्रवक्ता रिचा तिवारी और स्वेश शाक्य ने छात्राओं द्वारा तैयार किए गए पुष्पगुच्छों से अतिथियों का स्वागत किया।कार्यक्रम का सफल संचालन आदेश गंगवार ने किया। आयोजन में शैलजा मौर्य, ज्योति, आरती यादव, अर्चना गुप्ता, नीलम कश्यप एवं निर्मला सिंह सहित अन्य शिक्षिकाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। व्यवस्थाओं को सँभालने में उषा, मीना और रिंकू ने सहयोग किया।