रामपुर। जिला अस्पताल रामपुर में दो दिन पहले 24 घंटे के भीतर पांच मरीजों की हुई मौत का मामला अब भी गरमाया हुआ है। मृतकों के परिजन लगातार अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं, जबकि अस्पताल प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में मौत का कारण गंभीर बीमारी बताया है।
घटना दो दिन पहले रविवार रात की है, जब छह मरीजों—अनोखे सिंह (80), जुबे (13), महफूज (33), शांति (70), वीरवती (60) और जब्बार—को जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। अगले ही दिन सोमवार सुबह तक पांच मरीजों की मौत हो गई। एक मरीज जब्बार को गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर किया गया था।
परिजनों का आरोप है कि मरीजों की हालत बिगड़ने पर कई बार डॉक्टरों को बुलाया गया, लेकिन इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं थे, जिससे इलाज में देरी हुई और मरीजों की जान चली गई। इस घटना से जुड़ा वीडियो भी सोशल मीडिया पर अभी तक वायरल हो रहा है, जिसमें तीमारदार डॉक्टरों की गैरमौजूदगी का आरोप लगाते दिख रहे हैं।
इधर, जिला अस्पताल प्रशासन ने परिजनों के आरोपों को दोहराए जाने के बाद फिर स्पष्ट किया है कि मरीज अत्यंत गंभीर स्थिति में लाए गए थे। सीएमएस डॉ. बी.सी. सक्सेना ने कहा कि इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई। तीन मरीज—महफूज, अनोखे सिंह और शांति—की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई, जबकि अन्य को समय से रेफर किया गया था, लेकिन परिजन उन्हें हायर सेंटर लेकर नहीं गए।
डॉक्टरों के ड्यूटी पर न होने के आरोप पर भी CMS ने कहा कि जांच में सभी डॉक्टर अपनी-अपनी ड्यूटी पर मिले और वे उसी समय अन्य वार्डों में मरीजों की जांच कर रहे थे।
दो दिन बाद भी ये मामला शांत नहीं हुआ है और परिजन कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर सवाल उठना जारी है।





