लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक बड़ा रणनीतिक कदम उठाया है।
पार्टी अब मुस्लिम बाहुल्य गांवों और क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने की दिशा में काम शुरू कर चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने अपने अल्पसंख्यक मोर्चा को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है कि वह पंचायत चुनाव में उन ग्राम पंचायतों पर फोकस करे जहां मुस्लिम आबादी अधिक है।
इन इलाकों में पार्टी प्रधान पद पर अल्पसंख्यक प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है।
पार्टी नेतृत्व का मानना है कि ग्राम स्तर पर अल्पसंख्यक वर्ग के साथ संवाद बढ़ाकर भाजपा अपनी स्वीकार्यता का दायरा विस्तारित कर सकती है।
इसके लिए आगामी महीनों में ‘संपर्क से समर्थन’ अभियान चलाया जाएगा, जिसमें भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देंगे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि “पार्टी जाति और धर्म नहीं, विकास की राजनीति में विश्वास करती है। हमारी कोशिश है कि हर वर्ग, हर समुदाय हमारे साथ जुड़े।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा का यह कदम स्थानीय चुनावों में ‘सोशल इंजीनियरिंग’ का नया प्रयोग साबित हो सकता है।
पार्टी की यह रणनीति पंचायत स्तर पर मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी को भी बढ़ावा दे सकती है।