प्रयागराज। संगमनगरी के एक गांव में कुएं का पानी (Well Water) पीने से चार लोगों की मौत हो गई। 25 से ज्यादा लोग बीमार पड़े हुए हैं, जिनका अलग-अलग अस्पताल में इलाज जारी है। गांव में पीने के पानी के लिए कोई हैंडपंप नहीं है, सिर्फ यहीं एक कुआं विकल्प है। गांव के प्रधान की लापरवाही के चलते ग्रामीण जहरीला पानी पीने (Poisonous Well Water) को विवश हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है।
कुआं का जहरीला पानी पूरे गांव के लिए मुसीबत बन गया। इसे पीने से एक-एक कर चार लोग अपनी जान गवां बैठे। मरने वालों में दो बच्चे और दो बुजुर्ग महिला शामिल हैं। दो दर्जन से अधिक ग्रामीण दूषित पानी पीने से बीमार पड़े हुए हैं। घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंची। कुएं के पानी का सेंपल लेकर उसे जांच के लिए भेजा गया है। ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।
मामला जिले के हंडिया तहसील के गांव भदवा का है। गांव में चार लोगों की मौत से ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने ग्राम प्रधान व स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया लगा है। हालांकि, इसमें बड़ी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है। ग्रामीणों के मुताबिक, गांव में पीने के पानी के लिए एक भी हैंडपंप नहीं लगा है। एक कुंआ है जिससे लोग पानी (Well Water) निकाल कर पीते हैं। इसी पानी के पीने से दो दिन पहले ढाई साल की संजना और 12 साल के दिवाकर को बुखार आया था। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई।
4 की मौत, दर्जनों बीमार
दो बच्चों की मौत के बाद 55 वर्षीय चंदरी देवी और 72 साल की सुंदरी की भी मौत हो गई। कुएंका दूषित पानी पीने से गांव के राजन प्रजापति, सत्यम, दिव्यांशु, सुंदरम, छब्बू, शिव प्रसाद, अयान, आनंद, प्रकाश, सब्बू, उर्मिला समेत दो दर्जन ग्रामीण बीमार हैं। सभी को अलग-अलग निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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गांव में चार लोगों की मौत और दर्जनों ग्रामीणों के बीमार होने की खबर एसडीएम सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को दी गई। सीएचसी से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव पहुंची। आनन-फानन में कुएं में ब्लीचिंग का छिड़काव करते हुए छानबीन शुरू की गई।