बंधन का दावा- 100 फीसदी सही चलते मिले प्रीपेड मीटर
लखनऊ: प्रदेशभर (state) में अब तक 35 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर (smart electricity meters) लगाए जा चुके हैं और बिजली विभाग ने दावा किया है कि इन मीटरों की कार्यप्रणाली पूरी तरह से सही पाई गई है। उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के प्रबंधन के अनुसार, मीटर के तेज चलने की शिकायतें जांच में निराधार साबित हुई हैं।
यूपीपीसीएल के मुताबिक, राज्य में कुल 2.73 करोड़ उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। 15 अगस्त तक 34.05 लाख मीटर लगाए जा चुके थे। इनकी सटीकता की जांच के लिए पांच प्रतिशत के मानक पर 1.66 लाख चेक मीटर भी लगाए गए, जिनकी जांच के बाद पाया गया कि कहीं भी स्मार्ट मीटर तय मानकों से अधिक रीडिंग नहीं दे रहे हैं।
लखनऊ के विशाल खंड निवासी कांति यादव, सतगुरु शरण वर्मा और चिनहट की रजनी सिंह के मीटरों की जांच रिपोर्ट में भी स्मार्ट मीटर पूरी तरह से सही पाए गए। प्रबंधन का कहना है कि स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ता ‘यूपीपीसीएल स्मार्ट कंज्यूमर एप’ के माध्यम से अपनी बिजली खपत हर घंटे देख सकते हैं। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को निर्धारित बिजली टैरिफ में दो प्रतिशत की छूट भी दी जाती है। बिजली विभाग का यह कदम पारदर्शिता और उपभोक्ता सुविधा की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
कॉर्पोरेशन प्रबंधन के मुताबिक प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ता को उसके द्वारा रिचार्ज की गई धनराशि का क्रमशः 30 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और शून्य होने पर प्रत्येक बार एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाता है। इसके अलावा प्रीपेड परिवर्तन के बाद उपभोक्ता को 30 दिन का ग्रेस पीरियड भी दिया जाता है। बैलेंस समाप्त होने के उपरांत भी 3 दिन का समय दिया जाता है। साथ ही शाम 6 बजे से सुबह 8 बजे के बीच सार्वजनिक अवकाश एवं रविवार को कनेक्शन नहीं काटा जाता है।