22 सप्ताह की गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता महिला अस्पताल से गायब, स्वास्थ्य विभाग और कोर्ट में हड़कंप

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मुरादाबाद: जिले में 22 सप्ताह की गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता महिला अस्पताल से बिना अनुमति और किसी नोटिस के गायब हो गई, जिससे स्वास्थ्य विभाग और न्यायिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। पीड़िता को अनचाहा गर्भपात कराने के लिए हाईकोर्ट से अनुमति मिली थी और प्रक्रिया के दौरान मेडिकल बोर्ड की निगरानी में रखा गया था।

जानकारी के अनुसार, पीड़िता को 22 अक्टूबर को महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो स्त्री रोग विशेषज्ञों, एक फिजिशियन, एनेस्थेटिस्ट और सर्जन की देखरेख में उसका इलाज चल रहा था। 23 अक्टूबर की रात स्वास्थ्य विभाग को पता चला कि पीड़िता अस्पताल से चली गई है। इसके बाद मामले की रिपोर्ट सीजेएम कोर्ट और पुलिस को सौंप दी गई।

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पीड़िता ने निजी अस्पताल में गर्भपात कराने के लिए कोई लिखित निवेदन नहीं दिया था। वहीं विभाग ने पीड़िता से संपर्क करने की कई कोशिशें की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। निजी अस्पताल में गर्भपात कराने के लिए कोर्ट से अनुमति आवश्यक है।

मामले का इतिहास बताते हुए बताया गया कि करीब एक माह पहले मुगलपुरा क्षेत्र की युवती ने नागफनी क्षेत्र के एक युवक के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। पीड़िता गर्भवती हो गई और अनचाहा गर्भ गिराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उस समय वह 18 सप्ताह और तीन दिन की गर्भवती थी। कोर्ट के आदेश पर 17 अक्टूबर को गठित मेडिकल बोर्ड ने रिपोर्ट तैयार कर 19 अक्टूबर को अदालत में सौंपी। इसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने युवती को गर्भपात की अनुमति दी।

मामले में आगे की सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी। पीड़िता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है कि वह गर्भपात निजी अस्पताल में कराना चाहती है। कोर्ट ने इस प्रार्थना पत्र पर 27 अक्टूबर को सुनवाई करने का आदेश दिया है।

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