लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) ने आगामी 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा फैसला लिया है। पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार टिकट बंटवारे में पारदर्शिता और सर्वे की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि “अब कोई भी प्रत्याशी बिना सर्वे रिपोर्ट के घोषित नहीं किया जाएगा।”
जीतने वाले प्रत्याशी ही पाएंगे टिकट
अखिलेश यादव ने संगठन की बैठक में कहा कि सपा का मकसद केवल चुनाव लड़ना नहीं, बल्कि मजबूत प्रत्याशियों के साथ जीत हासिल करना है।
टिकट उन्हीं नेताओं को मिलेगा जिनकी जनता में स्वीकार्यता और लोकप्रियता ज्यादा होगी।
सर्वे में प्रत्याशी की छवि, जनता के बीच पकड़, संगठन से तालमेल और जीतने की संभावना को परखा जाएगा।
पार्टी अब किसी तरह का जोखिम नहीं लेगी, केवल “विजयी संभावना वाले उम्मीदवारों” पर ही भरोसा करेगी।
सपा प्रमुख ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को जनता के बीच लगातार सक्रिय रहने की हिदायत दी।
उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं को समझना और उनके समाधान के लिए लड़ना ही सपा की असली ताकत है।
पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करें और बूथ स्तर तक संपर्क बनाए रखें।
सोशल मीडिया से लेकर गली-मोहल्लों तक सपा की नीतियों को लोगों तक पहुंचाने पर जोर दिया गया।
अखिलेश यादव का यह ऐलान सपा के अंदरूनी गुटबाजी और टिकट की खींचतान पर सीधा संदेश माना जा रहा है।
अब नेता केवल लॉबिंग करके टिकट नहीं पा सकेंगे।
सर्वे से तय होगा कि कौन प्रत्याशी जनता के बीच मजबूत है।
इससे पार्टी में पारदर्शिता और निष्पक्षता का संदेश जाएगा।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सपा का यह कदम चुनावी रणनीति के लिहाज से बेहद अहम है।
इससे पार्टी को योग्य और मजबूत प्रत्याशी मिलेंगे।
कार्यकर्ताओं में उत्साह और विश्वास भी बढ़ेगा कि मेहनत और जनता से जुड़ाव ही टिकट का आधार बनेगा।
साथ ही, यह संदेश भी जाएगा कि सपा अब केवल सत्ता की नहीं, बल्कि संगठन की मजबूती की राजनीति कर रही
2027 विधानसभा चुनाव में बिना सर्वे रिपोर्ट प्रत्याशी घोषित नहीं होंगे।
केवल जीताऊ प्रत्याशियों पर दांव लगाएगी सपा।
सर्वे रिपोर्ट में जनता की राय, छवि और पकड़ परखकर टिकट मिलेगा।
कार्यकर्ताओं को जनता के बीच सक्रिय रहने का निर्देश।
अंदरूनी गुटबाजी और लॉबिंग पर लगाम लगेगी।