दरभंगा (बिहार): बिहार के दरभंगा से न्याय प्रणाली को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। दुष्कर्म के आरोप में 20 साल की सजा काट रहे व्यक्ति को पटना हाईकोर्ट ने निर्दोष करार देते हुए रिहा कर दिया। यह फैसला तब आया जब अदालत ने 57 मिनट की ऑडियो क्लिप सुनी, जिससे आरोपी के खिलाफ लगे आरोप झूठे साबित हुए।
दरभंगा के निवासी इस व्यक्ति पर 20 साल पहले दुष्कर्म का आरोप लगा था। निचली अदालत ने साक्ष्यों के आधार पर उसे दोषी मानते हुए कठोर सजा सुनाई। हालांकि, जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा, तो बचाव पक्ष ने एक ऑडियो क्लिप पेश की, जिसने केस की दिशा ही बदल दी। इस 57 मिनट की रिकॉर्डिंग में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि आरोप झूठे थे और साजिशन लगाए गए थे।
पटना हाईकोर्ट ने ऑडियो सुनने के बाद आरोपी को तुरंत बरी करने का आदेश दिया। साथ ही, इस अन्याय के लिए न्यायिक मुआवजे की बात कही गई है। कोर्ट ने मामले की जांच में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
इस फैसले के बाद बिहार की न्याय व्यवस्था पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। बिना ठोस सबूत के एक निर्दोष को 20 साल तक जेल में रखने की घटना ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। क्या यह सिर्फ एक मामला है या ऐसे और भी लोग जेल में हैं जो झूठे आरोपों में फंसाए गए हैं? अब न्यायिक सुधारों की मांग और तेज हो गई है।