कुल संख्या 1.03 करोड़ पार, विभाग ने 1.85 करोड़ किसानों को जोड़ने का रखा लक्ष्य
लखनऊ। सहकारिता क्षेत्र को सुदृढ़ करने और किसानों को सुगम सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित एम-पैक्स (M-PAx) सदस्यता अभियान ने नया रिकॉर्ड स्थापित कर दिया है। प्रदेश में अब तक 1.03 करोड़ से अधिक किसान एम-पैक्स के सदस्य बन चुके हैं। हाल ही में चलाए गए विशेष अभियान के दौरान सिर्फ दो महीनों में 22.68 लाख से अधिक किसान इस व्यवस्था से जुड़े, जिससे सदस्यता में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है।
सहकारिता विभाग के अनुसार एम-पैक्स सदस्यता किसानों को कृषि कार्यों के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराती है। इन सुविधाओं में उचित दर पर खाद-बीज की उपलब्धता, सहकारिता समितियों से कम ब्याज पर ऋण, कृषि उपकरणों की आसान उपलब्धता, और कृषि इनपुट पर कई तरह की सेवाएं शामिल हैं। विभाग का मानना है कि एम-पैक्स किसानों के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है, जो कृषि से जुड़े संसाधनों को व्यवस्थित, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराता है।
प्रदेश सरकार का बड़ा लक्ष्य यह है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) का लाभ उठाने वाले हर किसान को एम-पैक्स से जोड़ा जाए। वर्तमान में राज्य में लगभग 1.85 करोड़ किसान किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इन सभी को एम-पैक्स के दायरे में लाना सहकारिता विभाग के लिए आने वाले समय की सबसे बड़ी चुनौती और प्राथमिकता दोनों है। विभाग का कहना है कि इस लक्ष्य को पूरा करने के बाद उत्तर प्रदेश में सहकारिता आधारित कृषि व्यवस्था देश की सबसे मज़बूत प्रणाली के रूप में उभरेगी।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए गांव-गांव में विशेष शिविर लगाए गए। जिला प्रशासन, कृषि विभाग और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को गांव स्तर पर सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए, ताकि अधिक से अधिक किसानों को सदस्यता दिलाई जा सके। पंचायतों, ब्लॉकों और सहकारी समितियों में एम-पैक्स सदस्यता काउंटर स्थापित किए गए, जहां किसानों को प्रक्रिया की पूरी जानकारी के साथ-साथ तत्काल सदस्य बनाने की सुविधा दी गई।
सहकारिता मंत्री ने कहा है कि यह आंकड़ा दर्शाता है कि किसान इस व्यवस्था पर विश्वास कर रहे हैं और इसे अपनी आवश्यकताओं से जोड़कर देख रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले महीनों में सदस्यता में और वृद्धि होगी, जिससे किसानों को समय पर वित्तीय सहायता और कृषि संसाधन उपलब्ध कराने में सहुलियत बढ़ेगी।
विभागीय अधिकारियों का मानना है कि एम-पैक्स सदस्यता का विस्तार प्रदेश के कृषि ढांचे को न केवल सुदृढ़ करेगा, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और कृषि इनपुट की पारदर्शी आपूर्ति सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। यह अभियान सहकारिता आंदोलन की दिशा में प्रदेश को नई मजबूती प्रदान करता नजर आ रहा है।




