जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सीमा से लगे भैरमगढ़ क्षेत्र (Bhairamgarh area) के केशकुतुल के घने जंगलों में बुधवार सुबह से नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच भीषण मुठभेड़ (encounter) जारी है। संयुक्त कार्रवाई के दौरान जवानों ने अब तक 12 माओवादियों को ढेर कर दिया है, जबकि डीआरजी के तीन बहादुर जवान—प्रधान आरक्षक मोनू वडाड़ी, आरक्षक दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोड़ी—वीरगति को प्राप्त हो गए। दो अन्य जवान घायल हुए हैं, जिन्हें तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है।
मुठभेड़ उस समय शुरू हुई जब दंतेवाड़ा से निकली सुरक्षा बलों की टीम केशकुतुल क्षेत्र में पहुंची और नक्सलियों ने घात लगाकर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद दोनों ओर से लगातार रुक-रुककर गोलाबारी होती रही, जो अभी भी बीच-बीच में जारी है। क्षेत्र में चल रहा सर्च अभियान लगातार विस्तृत किया जा रहा है और आशंका है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पट्टलिंगम ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से एएलआर राइफलें, .303 राइफल समेत भारी मात्रा में हथियार, गोलाबारूद और नक्सली सामग्री बरामद हुई है। मृत नक्सलियों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इधर, बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की ताबड़तोड़ कार्रवाई लगातार नक्सली नेटवर्क को कमजोर कर रही है। हाल के दिनों में देवा, पापाराव, केसा और चैतू जैसे बड़े नक्सली नेताओं के आत्मसमर्पण की चर्चाओं के बाद चैतू अपने 10 साथियों के साथ जगदलपुर में समर्पण कर चुका है। सुरक्षा एजेंसियों ने 15 दिनों तक जंगलों में अनुकूल माहौल बनाकर देवा और अन्य नक्सलियों के आत्मसमर्पण की कोशिशें जारी रखीं, लेकिन जब उनकी ओर से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला, तब एक बार फिर जॉइंट ऑपरेशन को तेज कर दिया गया।
इससे पहले डीकेएसजेडसी सदस्य भी अपने 9 साथियों के साथ लाल गलियारा छोड़ चुका है। आईजी सुंदरराज पी. ने कहा कि नक्सलियों की विचारधारा खोखली साबित हो रही है और संगठन तेजी से बिखर रहा है। लगातार दबाव और जागरूकता के कारण नक्सली अब आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले रहे हैं।


