– अब विश्व देखेगा भारत की भूगर्भीय धरोहर, शोध और पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
सोनभद्र (उत्तर प्रदेश): भारत के भूगर्भीय इतिहास में नया अध्याय जुड़ गया है। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र (Sonbhadra) ज़िले में स्थित सलखन फॉसिल्स पार्क (Salkhan Fossil Park) को UNESCO की संभावित विश्व धरोहर सूची (Tentative List) में शामिल किया गया है। इससे इस स्थल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है और भारत की 1.4 अरब साल पुरानी भूगर्भीय विरासत को वैश्विक मंच पर नई गरिमा प्राप्त हुई है।
सलखन जीवाश्म पार्क लंबे समय से भूगर्भीय वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और पर्यावरणविदों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। यहां पाए जाने वाले जीवाश्मों में मुख्य रूप से शैवाल (Algae) और स्ट्रोमैटोलाइट्स (Stromatolites) के जीवाश्म शामिल हैं, जो पृथ्वी पर प्रारंभिक जीवन के साक्ष्य माने जाते हैं। पार्क को UNESCO की संभावित सूची में शामिल किए जाने से यहां शोध कार्य को नई दिशा मिलेगी और विदेशी व देशी वैज्ञानिकों का आगमन बढ़ेगा। साथ ही उत्तर प्रदेश पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोज़गार को गति मिलने की संभावना है।
सलखन जीवाश्म पार्क सोनभद्र जिले के कैमुर वन्यजीव अभयारण्य के निकट, कैमर रेंज में लगभग 25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। यह स्थल रॉबर्ट्सगंज से मात्र 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पार्क तक पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा बाबतपुर एयरपोर्ट (वाराणसी) है, जो पर्यटकों के लिए सुगम मार्ग प्रदान करता है।
सलखन पार्क में प्राप्त फॉसिल्स वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह जीवाश्म उस काल के हैं जब पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत हुई थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन फॉसिल्स के अध्ययन से पृथ्वी के प्रारंभिक पर्यावरण और जीवन की उत्पत्ति को समझने में मदद मिलती है। यह उपलब्धि भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, तथा UNESCO से जुड़े विशेषज्ञों के लगातार प्रयासों का परिणाम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य के पर्यटन और विरासत स्थलों के संरक्षण और संवर्धन पर विशेष जोर देने से यह सफलता प्राप्त हुई है।