शमशाबाद (फर्रुखाबाद): गंगा कटरी क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण ढाई घाट (Dhai Ghat) शमशाबाद-शाहजहांपुर मार्ग पर जलसैलाब का भयावह दृश्य सामने आया है। हालात ऐसे हैं कि मुख्य मार्ग पर करीब दो फीट तक पानी बह रहा है, जिससे सामान्य आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। इस बीच हैरान करने वाली बात यह है कि कुछ नाबालिग लड़के बैलगाड़ियों की कमान (Minors are driving bullock carts) संभाले हुए हैं और लोगों को इस जलमग्न रास्ते से आर-पार पहुंचा रहे हैं।
स्थानीय ग्रामीणों और संभ्रांत लोगों में इस स्थिति को लेकर भारी चिंता है। उनका कहना है कि जलसैलाब के बीच इस तरह का खतरनाक आवागमन किसी बड़े हादसे को दावत दे सकता है। प्रशासन द्वारा पहले ही इस मार्ग को खतरनाक घोषित करते हुए इसे बंद करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन फिर भी कुछ लोग अवैध रूप से आवागमन करवा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस कार्य में बैलगाड़ी संचालक ₹50 प्रति सवारी और ₹50 प्रति मोटरसाइकिल वसूल रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन बैलगाड़ियों को नाबालिग चला रहे हैं, जिनके पास अनुभव की कमी है और ऐसे में किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इस बार पहाड़ों पर भारी वर्षा के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। परिणामस्वरूप, फर्रुखाबाद जिले के कटरी क्षेत्रों में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं, गांवों के रास्ते कट गए हैं, और सैकड़ों ग्रामीणों के घरों में पानी भर गया है। कई लोग नाते-रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं, जबकि कुछ लोग अस्थायी शरण स्थलों या सुरक्षित स्थानों पर रहने को मजबूर हैं।
वर्तमान में ढाई घाट मार्ग ग्राम चौराहार के पास सबसे अधिक प्रभावित है, जहां रोजाना हजारों की संख्या में लोग किसी न किसी तरह से आवागमन कर रहे हैं। इस मार्ग पर प्रशासन ने खतरे के संकेतक बोर्ड लगाए हैं, लेकिन इसके बावजूद जान जोखिम में डालकर लोग इस जलसैलाब से गुजरने को मजबूर हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने कठोर कदम नहीं उठाए, तो जल्द ही यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बैलगाड़ी जैसे पारंपरिक माध्यमों से जलमग्न मार्ग पर नाबालिगों द्वारा सवारियों को ढोना पूरी तरह अवैध और खतरनाक है।
समाजसेवी संगठनों और ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से इस प्रकार के अवैध आवागमन को रोका जाए, नाबालिगों को इस कार्य में लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो, और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राहत एवं बचाव दल की तैनाती की जाए।