नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी सुधारों के लागू होने के पहले दिन ही सोमवार को शेयर बाजार ने निराशाजनक शुरुआत की। कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स 400 अंकों से ज्यादा टूटकर 82,151.07 पर आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी 88.95 अंक फिसलकर 25,238.10 पर पहुंच गया। हालांकि, कारोबार बढ़ने के साथ ही गिरावट कुछ कम हुई और सुबह 10 बजे तक सेंसेक्स अपने पिछले बंद से 100 अंक नीचे तथा निफ्टी 15 अंक नीचे कारोबार कर रहा था।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि जीएसटी में कटौती का असर आगे चलकर शेयर बाजार में सकारात्मक रूप से देखने को मिलेगा, लेकिन फिलहाल एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ने से आईटी सेक्टर पर दबाव बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भारतीय आईटी कंपनियों के बिजनेस मॉडल पर सीधा असर डालेगा। जीयोचित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी. के. विजयकुमार ने कहा कि बाजार में आज डुअल ट्रेंड देखने को मिलेगा—आईटी सेक्टर पर नकारात्मक असर और घरेलू खपत आधारित कंपनियों पर सकारात्मक मूव।
सबसे ज्यादा झटका आईटी कंपनियों को लगा। टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, एचसीएल टेक और टीसीएस जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयर 2.26 फीसदी से 3.88 फीसदी तक गिर गए। इसकी बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एच-1बी वीजा शुल्क को एक लाख डॉलर प्रति कर्मी करने का फैसला माना जा रहा है।
उधर, एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई, दक्षिण कोरिया का कोस्पी और शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि हॉन्ग कॉन्ग का हैंग सेंग लाल निशान में रहा। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुए थे। वहीं, कच्चे तेल का वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.66 फीसदी चढ़कर 67.12 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।