फरियादियों की सुनी फरियाद, अधिकारियों को दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश
फर्रुखाबाद। महिला सशक्तिकरण के तहत चल रहे मिशन शक्ति 5.0 अभियान के अंतर्गत फर्रुखाबाद जिले में सोमवार को एक अनोखी मिसाल देखने को मिली, जब राजेपुर क्षेत्र की दसवीं कक्षा की छात्रा मनाली पाठक ने एक दिन के लिए जिलाधिकारी (डीएम) का कार्यभार संभाला। छात्रा ने न केवल कार्यालय पहुंचकर प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी निभाई, बल्कि फरियादियों की समस्याएं भी सुनीं और उनके निस्तारण के लिए आदेश जारी किए।मनाली पाठक, निवासी ग्राम ईमादपुर सोमवंशी, थाना राजेपुर, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज, राजेपुर की कक्षा 10 की छात्रा हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाली इस छात्रा ने आत्मविश्वास के साथ डीएम कार्यालय में दिनभर कार्य किया। उन्होंने फरियादियों की फरियाद सुनी, संबंधित अधिकारियों से फोन पर बातचीत की और समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए।
मनाली ने बताया कि उन्होंने दो दर्जन से अधिक शिकायतों का निस्तारण किया और प्रशासनिक प्रक्रिया को नजदीक से समझा। इस दौरान छात्रा की कार्यशैली देखकर वहां मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों ने उसकी प्रशंसा की।
मनाली के पिता मनोज कुमार पाठक शिक्षा मित्र हैं। उनकी बड़ी बहन अपूर्वा पाठक पहले ही जिले का नाम रोशन कर चुकी हैं उन्हें इसरो (ISRO) द्वारा सम्मानित किया गया था और अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुकी हैं। परिवार की इस उपलब्धि पर पूरे गांव और स्कूल में खुशी का माहौल है।मनाली ने कहा कि उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का है ताकि वह समाज की सेवा कर सकें और ग्रामीण अंचलों की समस्याओं को जमीनी स्तर पर हल करने में भूमिका निभा सकें। उन्होंने कहा, “आज एक दिन के लिए डीएम बनना मेरे लिए गर्व का क्षण है। इससे मुझे प्रेरणा मिली है कि मैं आगे चलकर सिविल सर्विसेज में जाकर लोगों की मदद कर सकूं।”
इस अवसर पर डीएम कार्यालय में कई अधिकारी, कर्मचारी और मिशन शक्ति टीम की सदस्याएं मौजूद रहीं। छात्रा डीएम मनाली पाठक ने जिस तरह से गंभीरता और आत्मविश्वास के साथ फरियादियों की समस्याओं को सुना और अधिकारियों को फोन कर समाधान के निर्देश दिए, उसने यह साबित कर दिया कि बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।जिला प्रशासन ने भी मनाली के उत्साह और नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल बेटियों को आगे बढ़ने का अवसर देते हैं बल्कि समाज में महिलाओं के सशक्तिकरण का सशक्त संदेश भी देते हैं।


